यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना-प्रदर्शन पर रोक, छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन: एआईडीएसओ
यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना-प्रदर्शन पर रोक छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन: एआईडीएसओ


खूंटी 23 जुलाई (हि.स.)। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के द्वारा एक अधिसूचना जारी कर विश्वविद्यालय परिसर में ताला बंदी धरना प्रदर्शन आंदोलन जैसी सभी गतिविधियों पर रोक लगाने और इस प्रकार की गतिविधियों पर विश्वविद्यालय द्वारा कारवाई करने के आदेश का ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन झारखंड राज्य कमेटी ने कड़े शब्दों में निंदा की है।

एआईडीएसओ झारखंड राज्य कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शिक्षण संस्थान एक ऐसा केंद्र है, जहां पर छात्रों का बौद्धिक ,राजनीतिक ,आर्थिक ,सामाजिक और सांस्कृतिक विकास होता है। विश्वविद्यालय संस्थान में नई विचारों का विकास होता है। कोई भी छात्र समुदाय जानबूझकर आंदोलन नहीं करता, बल्कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों के जायज मांगों को अनदेखा किया जाता है या उनके साथ अन्याय किया जाता है। तब विवश होकर छात्र समुदाय धरना प्रदर्शन आंदोलन के माध्यम से अपने मुद्दों को प्रशासन के समक्ष रखने का प्रयास करते हैं।

ऐसे में छात्रों के धरना प्रदर्शन आंदोलन पर पाबंदी लगाना विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी और छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन है। छात्र संगठन एआईडीएसओ के प्रदेश सचिव सोहन महतो ने कहा कि छात्रों से यदि उनके विरोध करने के अधिकार को छीना जाता है, तो यह हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ होगा। धरना प्रदर्शन, विरोध आंदोलन, गुंडागर्दी का माध्यम नहीं बल्कि अपने हक अधिकार और न्याय के लिए लड़ाई का एक साधन है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा