Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कांकेर, 23 जुलाई (हि.स.)। बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में विकास पहुंचने का दावा सरकार कर रही है, लेकिन बच्चों के पढ़ने के लिए जर्जर हो चुके स्कूल भवन की मरम्मत नहीं किए जाने पर मड़पा गांव के ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा के लिए स्वयं अपने पैसे जोड़कर स्कूल तैयार कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि यहां के बच्चे जिस स्कूल भवन में बैठकर पढ़ते है वह इतना जर्जर हो चुका है, कि बारिश में पानी टपकता नहीं है बल्कि बरसता है। वहीं दीवारों की हालत ऐसी है कि ये कब गिर जाए और बड़ा हादसा हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है। ग्राम मड़पा में प्राथमिक और माध्यमिक शाला में 44 बच्चे अध्ययनरत है, जिन्हें उम्मीद थी कि बारिश के पहले स्कूल भवन का मरम्मत हो जाएगा और उनके शिक्षा में कोई दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जब कई बार मांग करने के बाद भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो अब इस गांव के ग्रामीण स्वयं चंदा करके स्कूल के लिए झोपडी तैयार कर रहे हैं, जिसमें अब ये बच्चे पढ़ाई करेंगे और अपना भविष्य संवारेंगे।
मड़पा गांव के ग्रामीण बताते है कि उन्होंने कई बार जर्जर स्कूल भवन को लेकर शिकायत जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी से की है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया , जिसके बाद ग्रामीणों ने बैठक बुलाकर तय किया कि अपने बच्चों के लिए स्कूल वे स्वयं तैयार करेंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने 45 हजार रूपये का चंदा आपस में जुटाया और श्रमदान कर अपने बच्चों के लिए झोपडी नुमा स्कूल तैयार कर शासन-प्रशासन को आईना दिखाया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि इस क्षेत्र के विकास के लिए भले ही सिस्टम में बैठे लोग जागरूक ना हो लेकिन ग्रामीण अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए जागरूक है।
-----------
हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे