वाराणसी विकास प्राधिकरण नेट जीरो लाइब्रेरी बनाएगा,परियोजना में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
नेट जीरो लाइब्रेरी


—वाराणसी जैसे आध्यात्मिक नगर को सतत शहरी विकास के एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करना उद्देश्य

वाराणसी,23 जुलाई (हि.स. )। वाराणसी शहर में एक अभिनव पहल के अंतर्गत नेट जीरो लाइब्रेरी का निर्माण प्रस्तावित है, जो पर्यावरणीय संतुलन, सांस्कृतिक चेतना एवं आधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं का अद्भुत संगम बनेगा। बुधवार को “नेट जीरो लाइब्रेरी” परियोजना के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग एवं एन०एच०पी०सी० लिमिटेड के निदेशक उत्तम लाल की उपस्थिति में एन0एच0पी0सी के विभागाध्यक्ष (सी0एस0आर व एस0डी) एवं वीडीए अपर सचिव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

वीडीए के अफसरों के अनुसार यह पुस्तकालय वाराणसी विकास प्राधिकरण एन0एच0पी0सी लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से विकसित करने के तैयारी में है। जिसकी कुल लागत 20 करोड़ रूपए है । यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में अग्रसर करने के संकल्प के अनुरूप मील का पत्थर सिद्ध होगी।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

कुल निर्मित क्षेत्रफल : 20,930 वर्ग फुट,एक साथ 500 व्यक्ति उपयोग कर सकेंगे। इसमें 35,000 से अधिक पुस्तकें रहेगी। पुस्तकालय का तरंगाकार अग्रभाग पवित्र गंगा नदी से प्रेरित है तथा इसकी वास्तुकला पारंपरिक पूजा स्थलों की झलक प्रदान करती है। मेहराबें, ऊर्ध्व रेखाएं एवं प्रकाशयुक्त गलियारे इसे एक ज्ञान मंदिर का स्वरूप देते हैं। यह भवन आधुनिकता एवं परंपरा का संतुलित संगम है।

—तीन मंज़िलों में विस्तार

भूतल,बहुउद्देश्यीय सभागार,बाल पठन क्षेत्र,कैफेटेरिया,टॉय ज़ोन बनेगा। प्रथम तल पर विशाल पठन कक्ष,डिजिटल पुस्तकालय,ऐतिहासिक-सांस्कृतिक दीर्घा,द्वितीय तल पर भवन प्रबंधन प्रणाली,

जैव विविधता युक्त ग्रीन टैरेस बनेगा। इसमें सौर ऊर्जा युक्त छत,वर्षा जल संचयन प्रणाली,ऊर्जा दक्ष और लाइटिंग सिस्टम,पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री,जल अपशिष्ट उपचार संयंत्र एवं रीयूज़ प्रणाली,चिल्ड वाटर सर्कुलेशन द्वारा 40% तक ऊर्जा बचत,स्मार्ट जल निगरानी एवं रिसाव पहचान तंत्र बनेगा। इस पुस्तकालय में सभी आयु, वर्ग को प्रवेश मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी