योगी सरकार के लिए शीर्ष पर है महिला सुरक्षा
योगी सरकार के लिए शीर्ष पर है महिला सुरक्षा


गोरखपुर, 23 जुलाई (हि.स.)। महिला सुरक्षा योगी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। 2017 में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को लेकर अनेक कदम उठाए। हर जनपद में एंटी रोमियो स्कवायड के गठन से लेकर महिला थाने के अलावा एक अन्य थाने में महिला थानाध्यक्ष की तैनाती की गई। महिला सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर हुई कार्रवाई योगी सरकार में नजीर बनी।

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने उठाए अनेक कदम

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने अनेक कदम उठाए। योगी सरकार के दिशानिर्देशन में 78 महिला पुलिस चौकी परामर्श बने। वीमेन पावर लाइन 1090, जीआरपी, फायर सर्विस, महिला हेल्प लाइन 181 सेवा का एकीकरण हुआ। प्रत्येक जिले में एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया गया। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन 1090 का गठन हुआ। सीएम के निर्देश पर प्रत्येक जनपद में महिला थाना के अतिरिक्त एक अन्य थाने में महिला थानाध्यक्ष की तैनाती की गई।

महिला व बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्ताारण में यूपी शीर्ष पर

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि महिला एवं बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है। यहां निस्तारण दर 99.42 प्रतिशत है। महिलाओं एव नाबालिगों के विरुद्ध हुए अपराधों में 27,425 अभियोगों, पॉस्को अधिनियम के 11,254 अभियोगों एवं दहेज हत्या के 3,775 अभियोगों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी।

बड़ी संख्या में की गई महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति

2 लाख 20 हजार 450 पदों पर पुलिस कर्मियों की भर्ती हुई। इसमें 27,178 से अधिक महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त करते हुए 10,378 से अधिक महिला बीटों का आवंटन किया गया। यूपी में महिला पीएसी बटालियन का नाम रानी अवंतीबाई लोधी, ऊदा देवी और झलकारीबाई के नाम रखा गया। ये बटालियन बदायूं, लखनऊ और गोरखपुर में स्थापित हैं। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति 5.0, ऑपरेशन गरुड़, ऑपरेशन शील्ड, ऑपरेशन डिस्ट्रॉय, ऑपरेशन बचपन, ऑपरेशन खोज, ऑपरेशन ईगल, ऑपरेशन रक्षा इत्यादि सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं।

रात 10 से सुबह छह बजे तक कॉल करने पर पीआरवी द्वारा एस्कॉर्ट कर गंतव्य तक पहुंचाने की भी सुविधा

महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत 346 महिला पीआरवी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। महिला रात्रि एस्कॉर्ट सुरक्षा के अन्तर्गत रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 06.00 बजे तक किसी निर्जन / सुनसान स्थान से किसी महिला द्वारा कॉल किये जाने पर पीआरवी द्वारा एस्कॉर्ट कर हजारों महिलाओं को गंतव्य तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की गयी। व्यवहार कुशलता व तकनीकी कौशल वृद्धि के उद्देश्य से 2,15,498 (पीआरवी कर्मियों, संवाद अधिकारी व अन्य) को प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेश के 17 नगर निगमों तथा जनपद गौतमबुद्धनगर में सेफ सिटी परियोजना के क्रियान्वयन के अन्तर्गत महिलाओं के साथ बुजुर्गों, बच्चों एवं दिव्यांगजनों को भी सम्मिलित करते हुए उन्हें सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण उपलब्ध कराने की कार्रवाई निरंतर हो रही है।

सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हो रही निगरानी

सेफ सिटी परियोजना के तहत महिलाओं, बालिकाओं, बुजुर्गों, बच्चों एवं दिव्यांगजनों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरों के अधिष्ठापन, कंट्रोल रूम के माध्यम से मानीटरिंग की जा रही है। 1090 का यूपी-112 से इंटीग्रेशन। 1090 कॉलसेंटर में 80 नए टर्मिनलों की स्थापना, डेटा एनालिटिक्स सेंटर और साइबर सेल सुविधा की व्यवस्था। 100 पिंक पुलिस बूथों का निर्माण हुआ। आशा ज्योति केन्द्र प्रोजेक्ट के अन्तर्गत रेस्क्यू वैन, एडमिनिस्ट्रेटिव वाहन व अन्य उपकरणों की व्यवस्था की गई है। यूपी कॉप ऐप को सीसीटीएनएस योजना के अन्तर्गत विकसित किया गया है। ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने सहित 27 प्रकार की सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रहरी बीट पुलिसिंग ऐप तैयार कर सीसीटीएनएस से इंटीग्रेट किया गया है। पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पुलिस वेबसाइट पर सीसीटीएनएस मॉड्यूल के अन्तर्गत ऑनलाइन सीसीटीएनएस वेब ट्रेनिंग पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। सीसीटीएनएस के माध्यम से अपराधियों का विवरण खोजने की ऑटोमेटेड व्यवस्था भी है।

सुरक्षा में कारगर बन रहे ऐप

सीएम के नेतृत्व में क्राइम एनालिटिक्स, क्राइम डेटा पोर्टल, इंपार्टटेंट क्राइम मॉनीटरिंग पोर्टल, फील्ड पोर्टल यूनिट व इनवेस्टिगेशन, पुलिस परेड पोर्टल आदि विकसित किया गया। इनवेस्टिंग ऑफिसर ऐप (आईओ ऐप) को विकसित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण (PSARA PORTAL) के माध्यम से प्राइवेट सुरक्षा एजेन्सियों का ऑनलाइन लाइसेन्सिंग/नवीनीकरण तथा आनलाइन राजस्व संग्रह। वर्तमान में यूपी-112 द्वारा 4800 पीआरवी वाहनों को संचालित करते हुए प्रतिदिन औसतन 30,000 कॉलर्स को आपात सहायता पहुंचायी जा रही है, जबकि पूर्व में यह आंकड़ा 18,500 था। पारदर्शिता एवं बेहतर प्रबन्धन की दृष्टि से 6,278 पीआरवी पर तैनात कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे प्रदान किये गये हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय