शिक्षा संकुल पर अभिभावकों ने किया हल्ला बोल प्रदर्शन
शिक्षा संकुल पर अभिभावकों ने किया  हल्ला बोल  प्रदर्शन


शिक्षा संकुल पर अभिभावकों ने किया  हल्ला बोल  प्रदर्शन


जयपुर, 23 जुलाई (हि.स.)। राजधानी में एक बार फिर अभिभावकों की एकजुटता देखने को मिली। इस बार मामला राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत गरीब व जरूरतमंद विद्यार्थियों की जरूरी शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जारी सभी गाइडलाइन को अपनाने के बावजूद दाखिला नहीं होने का था। जिसको लेकर पिछले तीन महीनों से अभिभावकों में आक्रोश था। ना स्कूल संचालक ठीक से कोई जवाब दे रहे थे ना शिक्षा विभाग कोई जवाब दे रहा था। जब जवाब देने की बारी आई तो राजस्थान हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देकर अभिभावकों को बीच राह में छोड़ दिया और बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। आलम यह रहा कि बच्चे नए सत्र के प्रारंभ होने के 23 दिन बीत जाने के बावजूद आजतक पढ़ाई का इंतजार करने को मजबूर हो रहे है किंतु ना राज्य सरकार कोई सुध ले रही है ना शिक्षा विभाग कोई सुध ले रहा है।

इसके चलते बुधवार सुबह संयुक्त अभिभावक संघ के आह्वान पर आरटीआई से पीड़ित, प्रभावित और प्रताड़ित अभिभावक बड़ी संख्या में जुटे और राज्य सरकार, शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और अपना आक्रोश दिखाया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में वह बच्चे भी शामिल हुए जिनका आरटीई की प्रक्रिया में शिक्षा विभाग द्वारा लॉटरी माध्यम से चयन हुआ था, जिनकी पढ़ाई आजतक भी शुरू नहीं हो पाई है। बुधवार को हुए प्रदर्शन में राजधानी जयपुर के 50 से अधिक स्कूलों के अभिभावक सहित बड़ी संख्या में बालक बालिकाएं एकत्रित हुए। जिन्होंने पढ़ाई शुरू करवाने की गुहार लगाई।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बुधवार को सभी अभिभावकों का आक्रोश शिक्षा संकुल के मुख्य द्वार पर फूट पड़ा और मजबूर होकर हल्ला बोल प्रदर्शन कर शिक्षा विभाग को अभिभावकों की पीड़ित आवाज सुनाई। विरोध प्रदर्शन दोपहर 12.30 बजे तक चला इस दौरान संयुक्त अभिभावक संघ के छह सदस्यों का एक डेलिगेशन शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन देने जिला शिक्षा अधिकारी के पास गए किंतु विभाग की मीटिंग में व्यस्त होने के चलते उनकी जगह विभाग के आनंदीलाल मीणा को ज्ञापन की प्रति दी गई।

7 दिन में दाखिले नहीं हुए फिर उतरेंगे सड़कों पर

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा के सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है इसलिए बुधवार को शांतिपूर्ण तरीके से हल्ला बोल प्रदर्शन किया। शिक्षा मंत्री के नाम दिए ज्ञापन में स्पष्ट कहा है कि अगले सात दिनों में अभिभावकों को न्याय नहीं मिला और मासूम बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं हुई तो अगली बार जो प्रदर्शन होगा वह उग्र होगा। उग्र भी इसलिए होगा क्योंकि शिक्षा विभाग आंख, कान बंद कर निजी स्कूलों के इशारों पर काम कर गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश