सोनीपत: शिवरात्रि पर मंदिरों में रही श्रद्धालुओं की भीड़
मेयर नगर निगम राजीव जैनशिव जलाभिषेक करते हुए


शिव का जलाभिषेक करते हुए भक्क्त


सोनीपत, 23 जुलाई (हि.स.)। सावन मास की शिवरात्रि इस बार आध्यात्मिक

उल्लास और दुर्लभ शुभ योगों के संयोग में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई गई। बुधवार

की अल सुबह से ही शिवभक्तों का मंदिरों में तांता लग गया। शिवालयों में हर-हर महादेव

और बोल बम के जयघोष गूंजते रहे।

शिवभक्तों ने सुबह ब्रह्म मुहूर्त

से जलाभिषेक आरंभ किया, जो अगले दिन तक चलेगा। गंगाजल, दूध, पंचामृत और बेलपत्र से

शिवलिंग का अभिषेक कर भगवान शिव से सुख-समृद्धि की कामनाएं की गईं। हरिद्वार, गोमुख

और गंगोत्री से कांवड़ लाकर श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य को जल अर्पित किया। जिले से

अनेक शिवभक्त डाक कांवड़ लेकर निकले।

मेयर नगर निगम राजीव जैन ने शिवरात्रि

की बधाई देते हुए विभिन्न मंदिरों में आयोजित कार्यकर्मों में भाग लेने के बाद श्रधालुओं

को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। राजीव जैन

ने भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया और उनके चरणों में सर्व समाज के कल्याण एवं सनातन

संस्कृति को मजबूत करने की प्रार्थना की। शिव

सत्य है, शिव ही सृजन है, भगवान शिव केवल देवता नहीं बल्कि एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन

है और वह त्याग, संतुलन और न्याय के प्रतीक हैं। शिव ने उन आदर्शों को प्रस्तुत किया

जो किसी भी समाज, अर्थव्यवस्था और शासन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

कांवड़ियों की सुविधा हेतु धार्मिक-सामाजिक

संस्थाओं ने रास्तों में सेवा शिविर लगाए, जहां उन्हें विश्राम, भोजन और प्राथमिक उपचार

मिल रहा है। इस वर्ष शिवरात्रि पर गजकेसरी योग, नवपंचम राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग

और भद्रावास योग जैसे अद्भुत संयोग बन रहे हैं। विद्वान शस्त्री आचार्यो के अनुसार,

मिथुन राशि में चंद्रमा और गुरु की स्थिति विशेष फलदायी मानी जा रही है।

सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के

पंडित सूरज शास्त्री ने बताया कि शिवरात्रि भगवान शिव के शिवलिंग रूप में प्रकट होने

का दिन है, जिसे शिव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने

से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिवभक्ति से सराबोर सोनीपत में यह शिवरात्रि पुण्य

और आस्था का पर्व बन गई।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना