वाराणसी : करपात्र प्राकट्योत्सव में दीपों की रोशनी से नहाया धर्मसंघ
धर्म संघ मे दिवाली


दिवाली


करपात्र प्राकट्योत्सव पर एक साथ जले तिरालीस हजार सत्तर दीये

वाराणसी, 22 जुलाई (हि,स,)। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के 118 वें प्राकट्योत्सव के अवसर पर मंगलवार को दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसंघ प्रांगण दीपों की रोशनी से नहा उठा। श्री धर्मसंघ शिक्षा मण्डल में चल रहे 14 दिवसीय प्राकट्योत्सव में दूसरे दिन करपात्र दीपावली मनाई गयी। इस अवसर पर जैसे ही तिरालीस हजार सत्तर दीये एक साथ प्रज्ज्वलित किया गया, वैसे ही पूरा परिसर दीयों की रोशनी से जगमगा उठा।

सायंकाल गोधूलि बेला में प्रांगण स्थित भव्य एवं विशाल मणि मन्दिर को दिव्य तरीके से सजाया गया था। सर्वप्रथम धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रम्हचारी जी महाराज एवं पं.जगजीतन पाण्डेय ने मणि मन्दिर के मुख्य सभागार में स्वस्तिवाचन के बीच प्रथम दीपक प्रज्ज्वलित किया, उसके उपरान्त वैदिक आचार्यो एवं बटुकों ने एक साथ पूरे धर्मसंघ प्रांगण में दीपक जलाए। मंदिर के बाहर बाग में सहस्त्र दीप मालिका भी प्रज्ज्वलित की गयी। मंदिर के मुख्य द्वार, करपात्र प्रतिमा, करपात्र सभागार, महाराज निवास, अन्नपूर्णा भोजन भण्डार, गौशाला, बाग, अतिथि गृह तथा कार्यालय सभी जगहों पर एक साथ दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इस अवसर पर मुख्य द्वार से लगायत सम्पूर्ण प्रांगण में विद्युत झालरों एवं दीप मालाओं की भी आकर्षक सजावट की गई थी। दीपकों एवं विभिन्न प्रकार के पुष्पों से सनातन धर्म के प्रतीक चिन्ह बनायें गये थे, जिनमें स्वास्तिक, ओमकार, त्रिशूल, नन्दी, शंख, कमलपुष्प आदि प्रतीक चिन्ह बेहद आकर्षक लग रहे थे। एक साथ पूरे परिसर में दीप प्रज्ज्वलित होते ही समूचे धर्मसंघ में अत्यन्त विहंगम दृश्य नजर आया।

करपात्र दीपावली के अवसर पर पहली बार 5 अर्चकों द्वारा महा मणिआरती भी उतारी गई। मंदिर के समक्ष बाग में अर्चकों ने शिव स्तुति कर देवगणों की आराधना की। इसके साथ ही करपात्र दीपावली के अवसर पर फूलों की रंगोली भी सजायी गयी। मुख्य द्वार पर सुस्वागतम् की रंगोली बेहद मनमोहक रही, उसके अलावा मणि मन्दिर के चारों स्तंभों पर कमल पुष्प की रंगोली, हाॅल के मध्य में विशाल कलश की रंगोली तथा चारों और सनातनी प्रतीक चिन्ह के ओम तथा स्वास्तिक तथा फूलो से धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो जैसे धर्मवाक्य खासा आकर्षण का केन्द्र रहे। इस अवसर पर धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रम्हचारी जी महाराज ने बताया कि प्रत्येक वर्ष करपात्र प्राकट्य दिवस की पूर्व संध्या पर करपात्र दीपावली मनाने की परम्परा रही है। आज के दिन हम स्वामी करपात्री जी महाराज के इस धरती पर अवतरित हुए दिनों के बराबर दीपदान कर उन्हें नमन करते है। सनातन धर्म में दीपक का महत्व अत्यन्त शुभ माना गया है, इसलिए दीपदान कर हम विश्व के कल्याण की कामना करते है। दीपावली में मुख्य रूप से रोहतक, हरियाणा के पूर्व मेयर एवं उद्योगपति मनमोहन गोयल, निर्मला गोयल भी शामिल हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी