शिक्षा में रोजगार के अवसरों पर व्यापक विमर्श के साथ सम्पन्न हुई राष्ट्रीय कार्यशाला
राष्ट्रीय कार्यशाला


- विभिन्न तकनीकी सत्रों में रोजगार आधारित हुआ विचार मंथन

भोपाल, 23 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणा और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के मार्गदर्शन में उच्च शिक्षा विभाग के तत्वावधान में भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में बुधवार को विकसित भारत@2047 अंतर्गत रोजगार आधारित शिक्षा : रुझान एवं नए अवसर विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला का समापन अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन की उपस्थिति में हुआ। इस एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित हुए।

प्रथम सत्र में अभियांत्रिकी तथा तकनीकी, द्वितीय सत्र में प्राकृतिक तथा जीवन विज्ञान, तृतीय सत्र में कौशल एवं रोजगार और चतुर्थ सत्र में सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंध विषयों पर व्यापक विमर्श हुआ।

प्रथम सत्र में प्रो. सोमित्र सनाढ्य, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर एवं प्रो.आशीष वर्मा, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंगलुरू ने अपने वक्तव्य में अभियांत्रिकी तथा तकनीकी के संदर्भ में व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की जानकारी दी। इस सत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर चर्चा हुई। इस सत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस, क्रिप्टोलॉजी एवं सिक्योरिटी, क्वान्टम कंप्यूटेशन, ब्लॉक चैन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, इंटेलीजेंट क्राउड मैनेजमेंट यूजिंग बिग डेटा, एआई एवं एमएल, सस्टेनेबल एवं स्मार्ट मोबिलिटी उप विषयों पर रोजगार आधारित व्यापक विमर्श हुआ।

द्वितीय सत्र में प्रो. गोवर्धन दास, निदेशक, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) भोपाल, प्रो. सतीश कुमार, निदेशक, राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU), भोपाल कैंपस, भोपाल एवं डॉ. बिमलेश मान, सेवानिवृत्त एडीजी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली ने प्राकृतिक तथा जीवन विज्ञान के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। यह सत्र पूर्ण रूप से 'प्राकृतिक एवं जीवन विज्ञान' विषय पर केन्द्रित था। इस सत्र में प्रो. गोवर्धन दास ने चिकित्सा तकनीक, ए.आई. पर एवं प्रो. सतीश कुमार ने फॉरेंसिक साइंस में रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा की। इस सत्र में एग्रीकल्चर एवं फॉरेस्ट्री, डेयरी टेक्नोलॉजी, फिशियरी साइंस, वेटरनरी साइंस, फूड प्रोसेसिंग, क्वान्टम फिजिक्स, सेमीकंडक्टर, बायोमेडिकल साइंस, एनवायरनमेंटल साइंस एवं फॉरेंसिक साइंस उपविषयों पर रोजगार के अवसरों पर विचार विमर्श हुआ।

तृतीय सत्र 'कौशल एवं रोजगारपरकता' पर केन्द्रित रहा। सत्र में शौर्य संग़म ने क्लाउड कम्प्यूटिंग, पी.एन. जुमले ने हैल्थ केयर एवं ऑटोमोबाइल में रोजगार के अवसरों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस सत्र में सेक्टर स्किल काउंसिल, इंटीग्रेटिंग स्किल विद हायर एजुकेशन, इनक्यूबेशन एवं स्टार्ट अप, इंडस्ट्री अकेडमिआ कॉलेब्रेशन एवं अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग उपविषयों पर सारगर्भित चर्चा हुई।

चतुर्थ सत्र 'सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान' विषय पर पैनल डिशकशन पर हुआ। सत्र का संचालन प्रो. मोना खरे (संचालक, नीधा (यू.जी.सी.) नई दिल्ली) ने किया। इस सत्र में प्रो. ए.सी. पाण्डे, नई दिल्ली, प्रो. अजंता राजकोवर, आसाम एवं प्रो. जी. के. सैनी, मुंबई ने क्रमशः प्रयोगात्मक शिक्षा, जनजातीय संस्कृति एवं डिजिटल मार्केटिंग पर विस्तार से चर्चा की। अन्तिम सत्र में एआई हूमन इंटरेक्शन, मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस, फाइनेंशियल मॉडलिंग एवं वैल्युएशन, डिजिटल मार्केटिंग, ग्लोबल ट्रेंड एवं लॉजिस्टिक्स, सोशल पॉलिसी एवं एडमिनिस्ट्रेशन, कम्युनिकेशन एवं मीडिया स्ट्डीज, डिजिटल कल्चर एवं न्यू मीडिया और वैल्यू एडेड एजुकेशन में रोजगार की संभावनाओं को लेकर व्यापक मंथन हुआ।

कार्यशाला में विभिन्न शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, वरिष्ठ प्राध्यापक, विषय-विशेषज्ञ, विभागीय अधिकारीगण एवं अन्य प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। आयुक्त उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा ने आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर