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-दोनों दोषियों पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया
गुरुग्राम, 23 जुलाई (हि.स.)। भ्रष्टाचार के मामले में यहां की एक अदालत ने आरोपी आबकारी एवं कराधान विभाग के तत्कालीन निरीक्षक अनिल कौशिक को दोषी ठहराते हुए उसे तीन वर्ष का कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। इसी विभाग के चालक संदीप मलिक को भी मंगलवार को अदालत ने दोषी ठहराकर चार वर्ष का कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। एसीबी ने यह जानकारी बुधवार को जारी की।बता दें कि 11 जनवरी 2019 को एक व्यक्ति ने एसीबी गुरुग्राम को एक शिकायत दी थी। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि वह लियो कम्पनी पैंकिग एण्ड शिपिंग पालम विहार सेक्टर-23 गुरुग्राम में बतौर सुपरवाईजर में काम करता है। उनका हाऊस होल्ड सामान की शिफ्टिंग का कार्य है। जब उनकी गाड़ी माल लेकर जाती है तो सेल्स टैक्स के कर्मचारी उसको काफी परेशान करते हैं। सेल्स टैक्स ऑफिस का चालक संदीप मलिक उसके पास आया और कहा कि आपको यदि अपना कार्य को सुचारू रूप से चलाना है तो उसके लिये उसे 25,000 रुपये की रिश्वत देनी होगी। उसने यह भी कहा कि उसके द्वारा इस राशि में से अपना हिस्सा रखकर बाकी राशि आगे उच्च अधिकारियों को देना होता है। इस शिकायत पर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गुरुग्राम द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपी ड्राइवर संदीप मलिक को शिकायतकर्ता से 25,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया। इस मामले में आरोपी तत्कालीन निरीक्षक आबकारी एवं कराधाान विभाग गुरुग्राम अनिल कौशिक व आरोपी ड्राइवर संदीप मलिक के विरूद्व अदालत में दिसम्बर 2020 में चालान पेश किया गया। अदालत ने सभी सुबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया है। भ्रष्टाचार के इस मामले में मंगलवार को गुरुग्राम के तत्कालीन आबकारी एवं कराधान विभाग के निरीक्षक अनिल कौशिक को तीन साल का कारावास पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। साथ ही ड्राइवर संदीप मलिक को चार साल कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर