राजद विधायक भाई विरेंद्र ने कहा माफी नहीं मांगेंगे,विजय सिन्हा ने विपक्ष पर लगाया सदन में गुंडाराज लाने का आराेप
उप मुख्यमंत्री विजय सिनहा्


पटना, 23 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही राजग विधायक भाई विरेंद्र के विवादित बयान के बाद हुए हंगामे के बाद स्थगित कर दी गई। भाई विरेंद्र के बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा सहित पूरा सत्ता पक्ष ने जमकर बवाल काटा। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाई विरेंद्र ने सदन के बाहर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वो ऐसी कोई बात नहीं बोले हैं जिसके लिए वो मांफी मांगे।

भाई विरेंद्र जब सदन से बाहर आए तो उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। भाई विरेंद्र ने कहा कि, उन्होंने सदन के अंदर सिर्फ इतना कहा था कि सदन किसी की बपौती नहीं है। यह भाषा असंसदीय नहीं है। वो इसके लिए मांफी नहीं मांगेंगे। भाई विरेद्र ने साफ इनकार कर दिया है कि वो सदन में मांफी नहीं मांगेंगे।

दरअसल, सदन के तीसरे दिन एसआईआर पर चर्चा हो रही थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में अपनी बात रख रहे थे तभी राजद विधायक भाई विरेंद्र ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा किसी के बाप का नहीं है...। भाई विरेंद्र के इस बयान को सुनते हीं विधानसभा अध्यक्ष भड़क गए। विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत भाई विरेंद्र को मांफी मांगने के लिए कहा।

सदन में सत्ता पक्ष के सभी दल खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। सभी ने मांग की कि भाई विरेंद्र मांफी मांगे जिसके बाद ही सदन की कार्यवाही सुचारु रुप से चलेगी। हालांकि भाई विरेंद्र ने मांफी नहीं मांगी। जिसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने विजय सिन्हा की तरफ उंगली दिखाकर गुंडई शब्द का प्रयोग किया। इसके बाद विजय सिंन्हा ने विरोध जताया। विधानसभा अध्यक्ष ने भाई वीरेंद्र से खेद प्रकट करने के लिए कहा।

सदन से बाहर आने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी विपक्ष पर जमकर हंगामा बोला। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर अध्यक्ष के कहने पर नेता प्रतिपक्ष को मौका मिला वो लंबे समय तक बोले, मुख्यमंत्री ने प्यार से समझाया कि सदन की कार्यवाही चलने दें। लेकिन उनके विधायक खड़ा होकर कहा कि सदन किसी के बाप का नहीं है, सदन के अंदर इस तरह जंगलराज का आजरकता, ये लोग सदन के अंदर गुंडाराज स्थापित करना चाहते हैं। ये लोग भूल गया है कि यह 1990 का दशक नहीं है। जनता को भरकाने का काम कर रहे हैं। ये लोग संवैधानिक संस्थान का अपमान कर रहे हैं। विपक्ष को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी