ओबीसी आरक्षण पर निर्णायक आंदोलन की घोषणा, एक अगस्त को विधानसभा में विधेयक लाने की मांग
गोंड ,गोप आंदोलन समिति द्वारा ज्ञापन सौंपते कार्यकर्ता


पश्चिम सिंहभूम, 23 जुलाई (हि.स.)। झारखंड में ओबीसी आरक्षण को लेकर आंदोलन तेज होता जा रहा है। बुधवार को चाईबासा सर्किट हाउस में गोप, गौड़ आरक्षण आंदोलन समिति के बैनर तले प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समिति के प्रमुख रामहरि गोप ने किया। उन्होंने कहा कि चाईबासा, लातेहार, सिमडेगा, खूंटी, दुमका, लोहरदगा और गुमला जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में ओबीसी आरक्षण शून्य कर देना संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16(4) और 340 का उल्लंघन है और सामाजिक न्याय पर सीधा हमला है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दीपक बिरुवा, विधायक निरल पूरती, सोनाराम सिंकू, सुखराम उरांव और जगत मांझी भी मौजूद रहे। आंदोलन समिति ने चार प्रमुख मांगें रखीं। एक अगस्त को शुरू हो रहे विधानसभा मानसून सत्र में ओबीसी आरक्षण अनिवार्य करने के लिए विधेयक लाने, जिन जिलों में आरक्षण खत्म किया गया है वहां संशोधन कर बहाली, 2011 की जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने और सभी योजनाओं एवं सरकारी सेवाओं में जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित करना।

कैबिनेट मंत्री दीपक बिरुवा ने आश्वासन दिया कि समिति की मांगें जायज हैं और उन्हें विधानसभा में विधेयक के रूप में लाने की पहल की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में लाला राउत, अरुण कुमार गोप, अनुज कुमार गोप, अनिल कुमार पान, श्री हरि गोप, कंचन गोप, विजय सिंह बारी, जयंत शंकर गोप, सुमंत कुमार गोप, सुदेश कुमार गोप और मनोज गोप सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।

समिति ने 10 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए चेताया कि मांगें नहीं मानी गईं तो विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक