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अररिया 23 जुलाई(हि.स.)। फारबिसगंज के तिरसकुंड स्थित प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला मधुरा में धूमधाम से चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक की जयंती बुधवार को मनाई गई।मौके पर स्कूली बच्चों सहित शिक्षक और मौजूद लोगों ने दोनों की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
स्कूल प्रधान कुमार राजीव रंजन ने स्कूली बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था। उनकी माता का नाम जगरानी देवी थी।चंद्रशेखर आजाद भारत के महान और शक्तिशाली क्रांतिकारी थे। वे गुलाम भारत को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाना चाहते थे। सबसे पहले उन्होंने महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था तथा सभी नवयुवकों को आंदोलन में भाग लेने हेतु प्रेरित किया था। वही पहली बार गिरफ्तार होने पर 15 वेदों की सजा भी मिली उन्होंने अनेक नारे दिए जिनमें आजाद है और आजाद ही रहेंगे काफी लोकप्रिय नारा रहा।
शिक्षक रंजीत कुमार मंडल ने कहा आज चंद्रशेखर आजाद के साथ बाल गंगाधर तिलक का भी जयंती है। चंद्रशेखर आजाद ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने कभी भी फिरंगियों के हाथ न लगे।अंत में जब लगा अब मुझे फिरंगी गिरफ्तार कर लेंगे तो उन्होंने अपनी आपको गोली मार लिया, ताकि मुझे फिरंगी जीवित न गिरफ्तार कर सके। शिक्षक संजीत कुमार निगम ने तिलक के गुणों का बखान करते हुए उनके मंत्र को कहा स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है इसे मैं लेकर रहूंगा इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों द्वारा गगन भेदी नारे लगाए गए।बच्चों के बीच टॉफी भी बांटे गए।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर