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घटना के बाद एसपी पहुंचे मौके पर, की जांच पड़ताल
हिसार, 23 जुलाई (हि.स.)। निकटवर्ती गांव मंगाली में पुलिस हिरासत के दौरान
एक व्यक्ति की मौत का समाचार है। हिरासत में मौत से गुस्साए परिजनों व अन्य लोगोें
ने रोषस्वरूप पुलिस चौकी को ताला लगा दिया और जमकर नारेबाजी की। बताया जा रहा है कि
पुलिस मंगलवार रात को मृतक की पत्नी की शिकायत पर उसे शराब के नशे में पकड़कर लाई थी
और हवालात में बंद कर दिया था लेकिन बुधवार सुबह जब पुलिसकर्मियों ने देखा तो वह मृत
पड़ा था। सूचना मिललने के बाद पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन पुलिस चौकी पहुंचे और
मामले की जांच की।
मृतक के बेटे ने कहा कि उसके पिता की मौत पुलिस की लापरवाही से हुई है। रात
को जब उसके पिता को पुलिस ले गई तो वे ठीक हालत में थे। पुलिस ने इतनी गर्मी में उसे
बिना पंखे वाले बैरक में रखा। यहां ना तो पानी की सुविधा थी ना कुछ और। रातभर उसे किसी
ने नहीं संभाला। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस के अनुसार गांव मंगाली झारा निवासी लगभग 48 वर्षीय संजय की पत्नी सुमित्रा
ने मंगलवार की रात को डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी कि उसका पति शराब पीकर झगड़ा कर
रहा है। इस पर डायल 112 की टीम गांव पहुंची और संजय को पकड़कर मंगाली पुलिस चौकी लाई।
यहां उसे हवालात में बंद कर दिया। सुबह पुलिस कर्मी हवालात में पहुंचे तो उसे बेसुध
हालत में पड़ा गया। चेक किया तो उसकी सांसें थम चुकी थीं। हवालात में मौत से पुलिस कर्मियों
में हड़कंप मच गया। हिरासत में मौत की सूचना तुरंत एसपी शशांक कुमार को दी गई। मामले
का पता चलते ही पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन चौकी में पहुंचे और मुआयना किया। इसके
बाद फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और जांच की।
मृतक संजय की पत्नी सुमित्रा ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा
और एक बेटी है। मंगलवार की शाम को उसका पति संजय उससे शराब पीकर मारपीट कर रहा था।
उस समय बेटा घर नहीं था। इसके बाद डायल 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। बुधवार सुबह
आठ बजे पुलिस की एक गाड़ी आई और कहने लगे कि आपके पति की तबीयत ज्यादा खराब है, जल्दी
चलो। जब चौकी आकर देखा तो पति मर चुके थे।
इसकी सूचना मिलते ही गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण चौकी पर पहुंच गए। उन्होंने
संजय की मौत के लिए पुलिस कर्मियों को दोषी बताया। इसके बाद उन्होंने कार्रवाई की मांग
को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। संजय की मौत के दोषी पुलिस कर्मियों पर तुरंत कार्रवाई
की मांग की। पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन परिजन नहीं माने। उन्होंने हंगामा
करते हुए चौकी के गेट पर ताला लगा दिया।
मृतक के बेटे अमित ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। पिता
ने थोड़ी बहुत ही शराब पी थी। वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। इस पूरे मामले
की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि भारतीय
न्याय संहिता के नए नियमों के तहत अब पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना नोटिस दिए कस्टडी
में नहीं रख सकती। अगर किसी को हिरासत में लेना है, तो उसके लिए पहले से सूचना देना
जरूरी है या फिर पुलिस रिकॉर्ड में इसकी एंट्री करनी होती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर