Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
लखनऊ, 23 जुलाई 2025 (हि.स.)। समाजवादी पार्टी को उस समाज की चिन्ता नहीं है। जो समाज भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय भावना से जुड़ा है। वर्ग विशेष के लोगों को संतुष्ट और खुश करने के लिए और उनके प्रति अपनी व अपनी पार्टी की वफादारी दर्शाने के लिए राष्ट्र व समाज के प्रति द्रोह की बातें सपा प्रमुख और उनके नेताओं के मुंह से लगातार निकलती रहती हैं। यह बातें बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कही।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा भाजपा का हथियार ही धर्म है, कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छा होता कि अखिलेश यादव धर्म की वास्तविक परिभाषा पढ़ लेते। उन्होंने कहा कि धर्म में राष्ट्रधर्म भी आता है, धर्म में सामाजिक धर्म भी आता है, धर्म में नैतिकता भी आती है लेकिन धर्म में मिथ्या वाचन, मिथ्या कथन और मिथ्या आचरण मना है। जीवन में कभी कोई अच्छा गुरू या सलाहकार मिला होता तो वह सपा प्रमुख को धर्म की परिभाषा को समझाता और जो भाषा अखिलेश बोल रहे हैं वो ना बोलते।
आगे उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध और मस्जिद में तुष्टिकरण की राजनीति के आगे सजदा करते हुए आपने संसद सत्र के दौरान एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि आपके और समाजवादी पार्टी के लिए सिर्फ तुष्टिकरण के बल पर वोट बैंक की राजनीति करने के अलावा कोई और ऐजेण्डा नहीं है।
भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ये आपकी धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि आप दिखाना चाहते है कि आपके लिए महत्व क्या रखता है। वोट बैंक के लिए आपके पाखंड को अब उत्तर प्रदेश की जनता जान भी चुकी है और समझ भी चुकी है। कुछ दिन पहले ही एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें आप एक हिंदू संत से कह रहे थे कि हमारा और आपका रास्ता अलग-अलग है। अब सबको पता चल गया है। अखिलेशजी आपका रास्ता किस ओर जाता है। समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं के मानस के विकारों के कारण वे एक बहुत बड़े समाज को उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। इसका दुष्परिणाम निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी को भुगतना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप