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गोरखपुर, 23 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरक्ष प्रांत के गोरखपुर महानगर इकाई द्वारा बुधवार को प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में उत्तरप्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी, गोरक्ष प्रांत के मंत्री मयंक राय, आर .पी.एम के डायरेक्टर डॉ.अजय शाही, जी डी गोयंका की प्रधानाचार्य अर्चना प्रधान की उपस्थिति में हुआ, जिसमें महानगर के 2000 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
अभाविप द्वारा 10 वीं तथा 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर उच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित कर छात्रों के रचनात्मक विकास और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सशक्त पहल रहा। इस सम्मान के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों के परिश्रम की सराहना की गई, बल्कि उन्हें आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरित भी किया गया।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान कर सीमित नहीं होती, बल्कि वह विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण, राष्ट्रभक्ति और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को भी जागृत करती है। परिषद का उद्देश्य विद्यार्थियों को सक्रिय, जागरूक और उत्तरदायी नागरिक बनाना है, जो आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।शिक्षा को केवल अंकों तक सीमित न रखते हुए, विद्यार्थी परिषद विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु समय-समय पर रचनात्मक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिससे युवा पीढ़ी अपने अंदर छिपे नेतृत्व कौशल, सामाजिक चेतना और राष्ट्र के प्रति समर्पण को पहचान सके। विद्यार्थी परिषद केवल भारत माता की जय का नारा लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह उन युवाओं को सामने लाने का कार्य करती है, जो अपने आचरण, कर्म और समर्पण से भारत माता की जय को चरितार्थ करते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पुरातन संस्कृति इस बात का जीवंत प्रमाण है कि इस देश में ज्ञान, विवेक और बौद्धिक परंपरा की कभी कमी नहीं रही। चाहे वह स्वामी विवेकानंद जैसे महान विचारक हों या आज के नव युवा, सभी भारत के उज्ज्वल भविष्य के प्रतीक हैं।भारतीय संस्कृति में शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि एक अच्छे मनुष्य, चरित्रवान नागरिक और राष्ट्रनायक का निर्माण रहा है। यही कारण है कि तक्षशिला, नालंदा, और गुरुकुलों की परंपरा ने दुनिया को ज्ञान, संतुलन और विवेक का संदेश दिया।आज आवश्यकता है कि हम विद्यार्थियों को परीक्षा के अंक नहीं, बल्कि जीवन के मूल्य सिखाएं। अभाविप इसी दिशा में कार्य कर रही है, जहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण है। इसी के साथ उपमुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों की दिनचर्या को प्रकृति के अनुकूल चलाने की सलाह भा छात्रों को दी। मंच संचालन सौम्या गुप्ता और आभार ज्ञापन डॉ. विवेक शाही ने किया।
इस अवसर पर अभाविप क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह,प्रांत संगठन मंत्री पुनीत अग्रवाल, भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सतेंद्र सिन्हा, भाजपा जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी उपस्थित आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय