ईडी पर मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी गंभीर, केंद्र सरकार करे आत्मनिरीक्षण : शांता कुमार
Shanta


शिमला, 22 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यप्रणाली पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की तीखी टिप्पणी को अत्यंत गंभीर बताया है और केंद्र सरकार से इस पर गहन आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया है।

शांता कुमार ने मंगलवार काे एक बयान में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा यह कहना कि ‘ईडी ने सारी हदें पार कर ली हैं’ और ‘मुझे मेरा मुंह मत खुलवाओ, महाराष्ट्र का मेरा तर्ज़ुबा है’ जैसी बातें अत्यंत चिंताजनक हैं। विपक्ष पहले भी ऐसे आरोप लगाता रहा है, लेकिन अब न्यायपालिका के सर्वोच्च पद से ऐसी टिप्पणी आना बेहद गंभीर संकेत है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस प्रकार की कार्रवाईयों की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि जनता का व्यापक समर्थन पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त है। देश में भाजपा और मोदी का कोई विकल्प नहीं है।

शांता कुमार ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इस विषय पर आत्मनिरीक्षण करे और ईडी को उचित निर्देश दे। वहीं, प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को अभूतपूर्व और हृदय विदारक बताया है। चंबा जिले की एक दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक नवविवाहित दंपति की भू-स्खलन में मौत हो गई। पत्नी पहली बार मायके गई थी, पांच दिन बाद पति उसे लेने आया। रात को पहाड़ी से चट्टान गिरने से घर ध्वस्त हो गया और दोनों की जीवन लीला समाप्त हो गई।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाएं रोज सामने आ रही हैं और यह हिमाचल के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। एक छोटे से प्रदेश में अब तक 135 लोगों की जान जा चुकी है, 30 लापता हैं और सैकड़ों घायल हैं। 90 वर्ष की उम्र में मैंने इतनी भयानक आपदा न कभी देखी, न सुनी।

शांता कुमार ने केंद्र सरकार से “विशेष नहीं, अति विशेष राहत पैकेज” देने की अपील करते हुए हिमाचल के सातों सांसदों से अनुरोध किया कि वे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी से मिलें और हिमाचल के लिए आपातकालीन सहायता की मांग करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला