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चंडीगढ़, 22 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की स्थिति और उसके डिजिटलीकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमीशन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को नागरिक-उन्मुख और व्यापार सुगमता के अनुरूप बनाने पर बल दिया गया। बैठक में डिजिटलीकरण, डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना और रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिससे हरियाणा में भूमि प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केंद्रित बनाने की दिशा में चल रहे क्रिया कलापों को मजबूती मिलेगी।
बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कमीशन ने सुझाव दिया कि लैंड रिकॉर्ड प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि आम नागरिकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा संबंधित दस्तावेज सुगमता से मुहैया हो सके। साथ ही, यह प्रणाली व्यापार सुगमता के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाए ताकि हरियाणा में निवेश और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। कमीशन ने डिजिटल तकनीकों के उपयोग से प्रक्रियाओं को सरल बनाने, समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने, और पारदर्शिता बढ़ाने की सिफारिश की।
कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बैठक में बताया कि हरियाणा में अब तक 90 फीसदी भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, जो डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने रेवेन्यू विभाग को निर्देश दिए कि शेष 10 फीसदी रिकॉर्ड को भी जल्द से जल्द डिजिटल किया जाए ताकि 100 फीसदी डिजिटलीकरण का लक्ष्य शीघ्र प्राप्त हो। गोयल ने भूमि रिकॉर्ड के लिए एक डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना पर विशेष जोर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा