खाद की कालाबाजारी पर हरियाणा में अब तक 26 डीलरों के लाइसेंस निलंबित
हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा बैठक लेते हुए


राज्य के कृषि मंत्री ने प्रदेशभर के अधिकारियों के साथ की बैठककालाबाजारी पर आठ पर एफआईआर, एक का लाइसेंस रद्द, 96 को नोटिसहरियाणा में यूरिया व डीएपी जैसे उर्वरकों की कोई किल्लत नहीं : मंत्री राणा

चंडीगढ़, 22 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा में खाद की कमी की अफवाहों पर विराम लगाते हुए राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दावा किया है कि प्रदेश में यूरिया और डीएपी जैसे जरूरी उर्वरकों की कोई किल्लत नहीं है।

मंगलवार को प्रदेशभर के कृषि अधिकारियों की बैठक के बाद श्याम सिंह राणा ने यहां कहा कि राज्य सरकार ने खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट और अवैध टैगिंग को रोकने के लिए निगरानी और प्रवर्तन की कार्रवाई तेजी से कर रही है। अब तक पूरे राज्य में 1974 स्थानों पर जांच की गई है। इन मामलाें में अब तक 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 26 डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। इसके अलावा एक लाइसेंस रद्द किया गया है और 96 शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2025 के लिए हरियाणा को कुल 10.07 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है। एक अप्रैल से 19 जुलाई तक की अनुमानित मांग 5.91 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि इस अवधि में केंद्र सरकार ने 8.54 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया है, जिसमें से 7.5 लाख मीट्रिक टन किसानों को बेचा जा चुका है। वर्तमान में 1.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया राज्य में स्टॉक में है और 16,307 मीट्रिक टन रास्ते में है, जिससे कुल उपलब्धता लगभग 1.20 लाख मीट्रिक टन हो जाती है। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य को खरीफ सीजन के दौरान 2.83 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, जिसमें से एक अप्रैल से 19 जुलाई तक 1.37 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। अभी तक 1.46 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है, जिसमें से 1.10 लाख मीट्रिक टन बिक चुका है। वर्तमान में 36,000 मीट्रिक टन स्टॉक में है. जबकि 5,467 मीट्रिक टन रास्ते में है, जिससे कुल उपलब्ध डीएपी 41,000 मीट्रिक टन हो जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा