ठगी के मामले में फरार आरोपित गिरफ्तार
पुलिस का लोगो


नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लक्ष्मी नगर थाने में दर्ज 95 लाख रुपये की ठगी के मामले में फरार चल रहे आरोपित धर्मेन्द्र अग्रवाल को हरिद्वार के बैरागी कैंप से गिरफ्तार किया है। आरोपित खुद को एक बाबा रूप में प्रस्तुत कर समाज सेवा की आड़ में छिपा हुआ था। क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह के अनुसार शिकायतकर्ता बैलेश जैन ने नवंबर 2015 में आरोप लगाया कि धर्मेन्द्र अग्रवाल ने खुद को गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित एक रिहायशी प्लॉट का एकमात्र मालिक बताते हुए उसे बेचने की पेशकश की।

दोनों के बीच 1.05 करोड़ में सौदा तय हुआ। जिसमें 95 लाख की राशि तीन चेकों के माध्यम से अग्रिम रूप से दी गई।

23 मई 2016 को प्रीत विहार एसडीएम ऑफिस में सेल एग्रीमेंट भी किया गया। जिसमें 10 लाख की शेष राशि प्लॉट की कब्जा और दस्तावेजों के हस्तांतरण के समय दी जानी थी। आरोपित ने यह दावा किया था कि संपत्ति पर कोई कानूनी रोक नहीं है।

इसके बावजूद आरोपित ने बार-बार बहानेबाज़ी कर दस्तावेजों का हस्तांतरण नहीं किया और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए देरी करता रहा। जब शिकायतकर्ता ने जुलाई 2022 में कानूनी नोटिस भेजा तो आरोपित ने जवाब देने की बजाय 40 लाख की और मांग की और न देने पर जान से मारने की धमकी दी। स्थानीय पुलिस ने उक्त मामले में मुकदमा दर्ज किया।पुलिस ने आरोपित को जांच में शामिल होने के लिए कई बार नोटिस भेजे, पर वह पेश नहीं हुआ।

इसके बाद 15 जुलाई 2025 को आरोपित को काेर्ट द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया।

डीसीपी के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम को फरार अपराधियों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था। इस बीच पुलिस टीम को सूचना मिली कि धर्मेन्द्र अग्रवाल हरिद्वार के बैरागी कैंप में छिपा हुआ है।

सूचना को पुख्ता कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। क्राइम ब्रांच ने संबंधित थाने को सूचना दे दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी