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हरिद्वार, 22 जुलाई (हि.स.)। आस्था और भक्ति का प्रतीक श्रावण मास का कांवड़ मेंला हरिद्वार के स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका का साधन भी सिद्ध हो रहा है। जिसके चलते स्वयं सहायता समूह ने स्टालों ने 10 दिनों में 28 लाख रुपए की कमाई की है।
हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की पहल पर विकासखण्डों को निर्देशित किया गया हैं कि कांवड़़ मेंला क्षेत्र में और आस-पास स्वयं सहायता समूहों की स्टॉल लगवाई जाएं, जिससे महिलाएं खाद्य सामग्री, हस्तशिल्प वस्तुओं आदि की ब्रिकी कर अपनी आय बढ़ा सकें। मुख्य विकास अधिकारी ने इस वास्ते विभिन्न विभागों से समन्वय और अनुमति प्राप्त करने हेतु सहायक परियोजना निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया और प्रतिदिन सेल का रिकॉर्ड व्यवस्थित करवाने हेतु कहा गया।
जनपद में वर्तमान में ‘काँवड़ मेला‘ क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर 18 सीएलएफ के स्वयं सहायता समूहों, सहकारिता सदस्यों द्वारा 60 से भी अधिक स्थानों पर पानी, चाय, नाश्ता, जूस, भोजन, फल, बेकरी उत्पाद काँवड़ आदि से संम्बधिंत स्टॉल लगाये गये हैं। बीते 10 दिनों में इन स्टॉलों सके औसतन 1 लाख से 4 लाख के बीच तक दैनिक बिक्री रिकॉर्ड की गई है। कांवड़ मेला अवधि में 21 जुलाई तक इन स्टॉलों के माध्यम से कुल लगभग 28 लाख की बिक्री कर ली गई है। वर्तमान में चार धाम यात्रा भी चल रही है।
स्वयं सहायता समूहों, सहकारिता सदस्यों द्वारा लगाई गई स्टॉलों को अभी आगे भी जारी रखे जाने पर विचार है। जिससे चार धाम यात्रा सीजन में उनको अधिक से अधिक आय सृजन करने का अवसर प्राप्त हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला