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जयपुर, 22 जुलाई (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में मानसून के दौरान अच्छी बारिश हो रही है। बारिश थमने के बाद मौसमी बीमारियों के प्रसार की आशंका बनी रहती है। सभी जिलों में पुख्ता तैयारियों के साथ मौसमी बीमारियों को प्रभावी प्रबंधन किया जाए। रोकथाम एवं बचाव गतिविधियों के साथ-साथ जांच एवं उपचार के लिए माकूल इंतजाम हों। राज्य स्तर के साथ-साथ संभाग एवं जिला स्तर पर मौसमी बीमारियों की सघन मॉनिटरिंग हो। विभाग के अधिकारी जीवन रक्षा के उद्देश्य को सर्वोच्च रखते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
चिकित्सा मंत्री मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति एवं रोकथाम गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं यूडीआईडी कार्ड के लम्बित मामलों सहित अन्य विषयों पर भी विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
बैठक में मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, संयुक्त निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।
राज्य स्तर से सभी जिलों पर नजर बनाए रखें
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव गतिविधियों में किसी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से ग्रसित रोगियों को तत्काल प्रभाव से जांच एवं उपचार उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने राज्य स्तर के अधिकारियों को सभी जिलों पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन जिलों में केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां टीमें एवं संसाधन बढ़ाकर स्थिति को नियंत्रित करें। मौसमी बीमारियों की जांच हेतु काम में ली जाने वाली आवश्यक किट एवं दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के साथ पर्याप्त संख्या में बैड्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आमजन को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधियां आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
टीबी स्क्रीनिंग का निर्धारित लक्ष्य हासिल करें
श्री खींवसर ने टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत संचालित किए जा रहे 100 दिवसीय अभियान की समीक्षा की। उन्होंने टीबी स्क्रीनिंग कार्य में गति लाते हुए निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि निक्षय पोर्टल पर नियमित रूप से डेटा इन्द्राज किया जाए। उन्होंने कहा कि 21 जुलाई तक 93 लाख 97 हजार से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में लक्ष्य के अनुरूप स्क्रीनिंग नहीं हो पाई है, वहां इस कार्य को गति दें। लाभार्थियों को निक्षय पोषण योजना के तहत उनके बैंक अकाउंट में देय राशि नियमित रूप से हस्तांतरित की जाए। बैठक में बताया गया है कि 40 हजार 815 लाभार्थियों को राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। साथ ही, 39 हजार 94 मरीजों को पोषण किट का वितरण भी किया गया है।
यूडीआईडी के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें
चिकित्सा मंत्री ने यूडीआईडी के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिलों में यूडीआईडी कार्ड के लिए लम्बित एवं प्राप्त नए सभी आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करें। उन्होंने गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डायबिटीज, ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारियों की स्क्रीनिंग की भी समीक्षा की और निर्धारित आयु वर्ग के शत-प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग किए जाने के निर्देश दिए।
जिला अस्पताल से लेकर सब-सेन्टर तक दवाओं की कमी नहीं रहे
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में फिलहाल मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में है।
सभी संबंधित अधिकारी प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम करते हुए जांच, दवा एवं उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिला अस्पताल से लेकर सब-सेन्टर तक दवाओं की कमी नहीं रहे। आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर नियमानुसार खरीद की जाए।
हाई रिस्क जिलों में एन्टीलार्वा गतिविधियों पर विशेष फोकस करें
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने मौसमी बीमारियों के दृष्टिगत मच्छर रोधी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क जिलों में एन्टीलार्वा गतिविधियों पर विशेष फोकस किया जाए। उन्होंने रामदेवरा मेला को देखते हुए जोधपुर, जैसलमेर एवं संबंधित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित आवश्यक इंतजाम करने के भी निर्देश दिए।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति एवं तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिकांश जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। इस वर्ष मलेरिया एवं डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक आरसीएच डॉ. मधु रतेश्वर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश