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फतेहाबाद, 22 जुलाई (हि.स.)। जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने सीईटी की परीक्षा के आयाेजन तथा अपराध नियंत्रण के मुद्दे पर सभी थाना एवं चौकी प्रभारियों के साथ मंगलवार को बैठक आयोजित की। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना, सीईटी परीक्षा एवं कांवड़ यात्रा के सफल, शांतिपूर्ण और व्यवस्थित आयोजन हेतु सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करना था। बैठक में डीएसपी फतेहाबाद जगदीश कुमार, डीएसपी रतिया नरसिंह, प्रवाचक उप निरीक्षक राहुल कुमार, सहायक उपनिरीक्षक संदीप कुमार सेना लिपिक, सहायक उपनिरीक्षक हरजीत सिंह एमटीओ, निरीक्षक बिजेंद्र सिंह सहित जिलेभर के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी उपस्थित रहे। एसपी ने हाल ही में घटित आपराधिक घटनाओं का विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी थाना प्रभारियों को सजग एवं सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी और रात्रिकालीन गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। साथ ही, असामाजिक एवं शरारती तत्वों पर सतत निगरानी रखते हुए कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान न उत्पन्न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। सीईटी परीक्षा, जो कि 26 एवं 27 जुलाई 2025 को प्रस्तावित है, के सफल आयोजन हेतु विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने, प्रवेश द्वारों पर निगरानी बढ़ाने तथा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान एवं होटल, धर्मशाला व गेस्ट हाउस की गहन जांच कराए जाने की बात कही गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि परीक्षा में किसी प्रकार की धोखाधड़ी या अव्यवस्था को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत आमजन की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। एसपी जैन ने कहा कि यात्रियों की सुविधा हेतु निर्धारित मार्गों को सभी अधिकारी भली-भांति समझें तथा इन मार्गों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती, ट्रैफिक नियंत्रण, चिकित्सा सुविधा और जलपान व्यवस्था की सुनिश्चितता की जाए। संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने और यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने देने के निर्देश भी दिए गए। पुलिस अधीक्षक ने यह भी निर्देश दिए कि नहरों एवं तालाबों में नहाने वाले युवाओं के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के तहत उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं तथा जनजागरूकता के माध्यम से यह संदेश प्रसारित किया जाए कि इन जल स्रोतों में नहाना खतरनाक और जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि आमजन को सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण प्रदान करना भी है।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा