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जयपुुर, 22 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे को चौंकाने वाला घटनाक्रम बताते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों को बहुत धक्का लगा है, क्योंकि वह राजस्थान के रहने वाले हैं। धनखड संसद के अंदर और बाहर किसानों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि जगदीप धनखड़ संसद के बाहर और अंदर लगातार किसानों से जुड़े मुद्दे लगातार उठा रहे थे। एक बार उन्होंने कृषि मंत्री को भी किसानों के मुद्दे पर खरी खोटी सुनाई थी। मुझे पता नहीं क्यों लग रहा था कि लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दबाव में हैं। गहलोत ने कहा कि मैंने जब जोधपुर में यह कहा था कि दोनों दबाव में है, तब धनखड ने जयपुर में एक कार्यक्रम में इसका खंडन किया था। मेरे तो उनके परिवार से 50 साल से संबंध हैं। दिन भर सदन चला है। अचानक इस्तीफा हुआ है। अब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से सच्चाई सामने आ गई है। दबाव में काम करने वाला व्यक्ति ही अचानक इस्तीफा देता है। अब असलियत क्या है यह तो पीएम, आएसएस दो ही को पता है।
गहलोत ने कहा राजस्थान वालों को बहुत धक्का लगा है क्योंकि वह राजस्थान के रहने वाले हैं। संसद के अंदर और बाहर किसानों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे और अचानक ही उपराष्ट्रपति पद पर हमारा राजस्थान का सपूत बैठा हो इस्तीफा दे दे तो स्वाभाविक है आम लोगों को भी झटका लगा। यह समझ के परे है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खबरें आ रही है कि सरकार कोई फेयरवेल नहीं देगी यह चौंकाने वाली है, आश्चर्यचकित करने वाली है, दुखद भी है और कई सवाल खड़े करने वाली भी है। समय आने पर मालूम पड़ेगा हकीकत क्या थी? उन्होंने कहा कि इसे मैं मामूली घटना नहीं मानता। ये कोई मूव तो नहीं है देश के लिए जिसे आरएसएस और बीजेपी छुपा रही हो क्योंकि अचानक हुए इस घटनाक्रम से लोगों को आश्चर्य हो रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप