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जोधपुर, 22 जुलाई (हि.स.)। राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ ने अपने निर्णय में डाक विभाग की अपीलों को अस्वीकार करते हुए सेवा दोष मानते हुए जिला आयोग के आदेश को यथावत रखा है।
डाक विभाग सिरोही द्वारा राज्य आयोग के समक्ष अपील में बताया गया कि परिवादी नारायण सैनी ने डाक विभाग से एक पोस्ट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी थी। पॉलिसी की अवधि मार्च 2011 से मार्च 2018 तक थी , जिसकी मासिक किश्त 1315 रुपए थी। परिवादी ने जुलाई 2013 तक नियमित 27 किस्त जमा करवाई उसके बाद बीमारी के कारण परिवादी आगे किश्त नहीं जमा करवा सका। परिवादी ने जमा राशि लौटाने का प्रार्थना पत्र दिया जिसे विभाग ने अस्वीकार कर दिया। डाक विभाग का यह कहना था कि परिवादी ने जमा राशि वापस प्राप्त करने के लिए लिखित में आवेदन नहीं किया।
परिवादी ने 27 रिश्ते जमा करवाई थी , परंतु पॉलिसी नियम 2011 के नियम 39 के तहत पॉलिसी का परिलाभ प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है , क्योंकि 36 माह तक किस्तें जमा नहीं हुई है। नियम 39 के तहत समस्त देय लाभ जब्त किए जाने का स्पष्ट प्रावधान है। जिला आयोग सिरोही ने परिवादी का परिवाद स्वीकार कर जमा राशि 35505 एवं मानसिक परेशानी के 5000 देने के आदेश पारित किए थे।
जिला आयोग के निर्णय के विरुद्ध डाक विभाग ने राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ के समक्ष अपील प्रस्तुत करते हुए निर्णय को अस्वीकार करने की प्रार्थना की। आयोग के सदस्य न्यायिक सुरेंद्र सिंह व सदस्य लियाकत अली ने बहस सुनकर अपने निर्णय में कहा कि डाक विभाग द्वारा जो नियम बनाए गए हैं उन नियमों में उपभोक्ता केवल परिलाभ प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है ऐसा नियमों उल्लेख है। परिवादी ने केवल जमा राशि ही वापस प्राप्त करने का निवेदन किया है। किसी भी प्रकार के परिलाभ की मांग नहीं की है।
डाक विभाग ने नियमों की गलत व्याख्या की है। आयोग ने डाक विभाग की अपील को अस्वीकार कर उपभोक्ता की जमा राशि 35505 रुपए देने के आदेश देते हुए विभाग की अपील को अस्वीकार कर दिया। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोहर लाल पालीवाल विपक्षी परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश