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भुवनेश्वर, 22 जुलाई (हि.स.)। सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने और ईंधन की अवैध बिक्री पर नकेल कसने के लिए एक बड़े कदम के तहत प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक की बोतलों और खुले में पेट्रोल बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। मंगलवार से पूरे राज्य में इसको लेकर एक व्यापक छापेमारी अभियान शुरू किया गया है। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने सभी जिलाधिकारियों को पेट्रोल पंपों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह अभियान शुरू किया गया है।
नई गाइडलाइन के अनुसार, अब प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल बेचना या उसमें भरकर ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। केवल लाइसेंसधारी विक्रेताओं को ही सुरक्षित कंटेनरों जैसे टिन कैन या कांच की बोतलों में पेट्रोल बेचने की अनुमति होगी, वह भी केवल कृषि-सम्बंधित उपयोग जैसे घास काटने की मशीनों या जनरेटर आदि के लिए। बिना वैध लाइसेंस के या सार्वजनिक स्थानों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। निगरानी दल पेट्रोल पंपों और सड़क किनारे विक्रेताओं पर सख्त नजर रखेंगे।
मंत्री पात्र ने कहा कि पेट्रोल अत्यंत ज्वलनशील और खतरनाक पदार्थ है। इसकी लापरवाहीपूर्ण बिक्री और उपयोग ने हाल के दिनों में कई दुखद घटनाओं को जन्म दिया है। जो भी व्यक्ति प्लास्टिक की बोतलों में या बिना अनुमति पेट्रोल बेचते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे असुरक्षित कंटेनरों में पेट्रोल बेचना तत्काल बंद करें। निर्धारित उद्देश्यों के लिए 20 लीटर या उससे अधिक की क्षमता वाले कंटेनरों में ही पेट्रोल की खरीद की अनुमति होगी, बशर्ते उपयुक्त दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएं।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में यह निरीक्षण अभियान और अधिक सघन किया जाएगा और दोषी आपूर्तिकर्ताओं के लाइसेंस रद्द करने के साथ-साथ उनके विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे केवल अधिकृत पेट्रोल पंपों से ही स्वीकृत कंटेनरों में ईंधन खरीदें।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो