राेहतक: पीजीआई में आपातकाल के मरीजों की भी अब हो सकेगी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
राेहतक: पीजीआई में आपातकाल के मरीजों की भी अब हो सकेगी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी


-हरियाणा का पहला सरकारी अस्पताल जहां आपातकाल मे मिलेगी यह सुविधा

रोहतक, 22 जुलाई (हि.स.), पीजीआईएमएस के ट्रॉमा सेंटर में आने वाले पेट के रोगियों के लिए यह बहुत बडी राहत भरी खबर है। अब उन्हें आपातकाल में पेट की समस्या होने पर बड़ा ऑपरेशन करवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका आपातकाल में लेप्रोस्कोपी से भी ऑपरेशन हो सकेगा। मंगलवार को ट्रॉमा सेंटर में कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल ने रिबन काटकर इस मशीन का शुभारंभ किया।

कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने बताया कि सर्जरी विभाग में आज एक नई लेप्रोस्कोपी मशीन का अनावरण किया गया है। यह मशीन ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद रहेगी क्योंकि इससे मरीज को चीरा नहीं लगाना पड़ेगा और छोटे सा होल बनाकर मरीज की सर्जरी की जा सकेगी। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि करीब एक करोड़ रुपए की लागत से आई यह मशीन प्रदेशवासियों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी।

निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि लेप्रोस्कोपी आमतौर पर एलेक्टिव ओटी में होती है और पूरे हरियाणा में एकमात्र पीजीआईएमएस ऐसा संस्थान है जहां इमरजेंसी ओटी में इसकी शुरुआत की गई है। केवल देश के कुछ चुनिंदा सरकारी अस्पतालों की एमरजेंसी ओटी में ही यह मशीन उपलब्ध है।

सर्जरी विभागाध्यक्ष एवं डीन छात्र कल्याण डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ ने बताया कि इस मशीन के आपातकाल में आ जाने से गंभीर मरीजों को बेहतर देखभाल मिल सकेगी। जो सर्जन उनके विभाग में ट्रेनिंग ले रहे हैं वें इससे और अधिक प्रशिक्षित होंगे। डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ ने बताया कि इस मशीन से ऑपरेशन होने पर मरीज जल्दी ठीक होगा और कम समय अस्पताल में रहेगा। उन्होंने बताया कि डाॅ.सुरेंद्र वर्मा को इसको नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डाॅ. एमजी वशिष्ठ ने बताया कि जिन मरीजों को अपेंडिक्स, फटी हुई आंत, आंतें रुकी हुई हों, पित्त की थैली में पथरी हो, पेट की किसी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो तो ऐसे में ट्रॉमा में यह लेप्रोस्कोपी मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इसमें छोटे से होल के माध्यम से उनका इलाज किया जा सकेगा। डाॅ. सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि आपातकाल में पहले मरीजों को यदि प्राइवेट अस्पताल में लेप्रोस्कोपी करवानी पडती थी तो उन्हें पचास हजार से एक लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते थे। ये सुविधा अब पीजीआईएमएस में आपातकाल में आसानी से उपलब्ध होगी! इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल, डाॅ. संजय मरवाह , डाॅ. सतीश दलाल व डॉ सुनील यादव सहित कई चिकित्सक व स्टाफ उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल