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कोहिमा, 22 जुलाई (हि.स.)। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में भाग लिया। बैठक में हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट इकोसिस्टम को फिर से जीवंत करने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेपों पर जोर दिया गया, जिनमें बाजार तक पहुंच, तकनीकी उपयोग, कौशल विकास और टिकाऊ आजीविका के अवसर शामिल हैं।
इस मौके पर मंत्री सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के पास ‘पर्यावरण और सशक्तिकरण के लिए फैशन’ की प्रधानमंत्री मोदी की सोच को साकार करने की पूर्ण क्षमता है। पूर्वोत्तर की पारंपरिक कलाएं, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और उत्कृष्ट हस्तशिल्प कौशल इसे वैश्विक ग्रीन फैशन क्रांति का नेतृत्वकर्ता बना सकते हैं। हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीविकोपार्जन, नवाचार और वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बनाने के लिए उपयोग में लाना होगा।
बैठक में हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट इकोसिस्टम को फिर से जीवंत करने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेपों पर जोर दिया गया, जिनमें बाजार तक पहुंच, तकनीकी उपयोग, कौशल विकास और टिकाऊ आजीविका के अवसर शामिल हैं। टास्क फोर्स ने सभी हितधारकों के साथ मिलकर इस क्षेत्र को सतत विकास और समावेशी प्रगति का आधार बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण हेतु एक रणनीतिक योजना भी प्रस्तुत की, जिसमें बेहतर अवसंरचना, डिजाइन और डिजिटल समावेशन और कुशलता निर्माण को प्राथमिकता दी गई। प्रमुख योजनाओं में कारीगर क्लस्टर बनाना, कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करना और 2-3 प्रमुख उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करना शामिल है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार कर, एक जमीनी स्तर से ऊपर तक की मूल्य श्रृंखला तैयार करने की योजना है, ताकि स्थानीय शिल्प उद्योग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर सके।
बैठक की अध्यक्षता नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने की, जिसमें केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, असम के वस्त्र मंत्री उर्खाओ गौरा ब्रह्म समेत मणिपुर व केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश