Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय संसदीय कार्य और सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय ई-विधान अनुप्रयोग (नेवा) के माध्यम से देश की विभिन्न राज्य विधानसभाओं में भाषायी समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रौद्योगिकीय विशेषताएं जोड़ी गयी हैं।
डॉ. मुरुगन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि नेवा प्रणाली में भाषिणी मंच के माध्यम से पाठ से पाठ यंत्र आधारित अनुवाद की सुविधा जोड़ी गयी है। इसके अंतर्गत नेवा का जन पोर्टल और राज्य विधानसभाओं के पोर्टल, अब 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेज़ी में उपलब्ध हैं। इससे भाषायी समावेशन को सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने बताया कि नेवा अनुप्रयोग में यूनिकोड आधारित संकेत लेखन व्यवस्था को अपनाया गया है, जिससे सभी सामग्री का प्रविष्टि, भंडारण और पुनःप्राप्ति एकीकृत और सुगम रूप से की जा सकती है। यह व्यवस्था सामग्री प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत बहुभाषिक पहुंच को भी संभव बनाती है।
मुरुगन ने बताया कि पत्र सूचना कार्यालय द्वारा स्वीकृत नेवा परियोजना की कुल लागत 673.94 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। यह परियोजना केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित की जा रही है, जिसकी वित्तीय भागीदारी इस प्रकार से है। पहला- पूर्वोत्तर एवं पर्वतीय राज्यों के लिए केंद्र और राज्य के बीच 90:10 का अनुपात रहेगा। विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 100 प्रतिशत वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। अन्य राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारें साझा करेंगी।
उन्होंने बताया कि अब तक देश के 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं ने नेवा को अपनाने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। जून 2025 तक इनमें से 19 विधानसभाएं पूर्णतः डिजिटल रूपांतरण की प्रक्रिया पूर्ण कर चुकी हैं और अब काग़ज़ रहित प्रणाली पर कार्य कर रही हैं।
------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार