इविवि : नई शिक्षा नीति को मिली विद्वत परिषद की हरी झंडी
इविवि


- इस सत्र से शुरू होगा 4 वर्षीय शोध सहित ऑनर्स डिग्री कार्यक्रम

प्रयागराज, 22 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में मंगलवार को कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की एक ऐतिहासिक बैठक हुई। जिसमें परिषद ने सभी संकायों के स्नातक कार्यक्रमों में एनईपी 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी। अनुमोदित परिवर्तनों के साथ, नई शिक्षा नीति विश्वविद्यालय में पूरी तरह से लागू हो जाएगी और विश्वविद्यालय अब वर्तमान सत्र 2025-26 से 8 सेमेस्टर का चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री कार्यक्रम लागू करेगा।

इविवि की पीआरओ प्रो जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 3 साल पहले नई शिक्षा नीति लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। जब उसने 6 एकीकृत कार्यक्रम शुरू किए थे। जिनमें 5 वर्षीय बीए-एलएलबी, कम्प्यूटर साइंस में 5 वर्षीय एकीकृत बी.टेक एम.टेक, वाणिज्य में 5 वर्षीय एकीकृत यूजी-पीजी, 4 वर्षीय एकीकृत बीएफए, परिवार और सामुदायिक विज्ञान में 5 वर्षीय एकीकृत यूजी-पीजी, बीपीए में 4 वर्षीय पाठ्यक्रम शामिल थे। नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के इस दूसरे चरण में विश्वविद्यालय ने वाणिज्य, विज्ञान और कला संकाय के स्नातक पाठ्यक्रमों सहित विश्वविद्यालय के सभी कार्यक्रमों में नीति को व्यापक रूप से लागू करने की तैयारी कर ली है।

लचीलापन और निकास विकल्प एनईपी शिक्षा प्रक्रिया की संरचना में लचीलेपन की परिकल्पना करती है। इसे पूरा करने के लिए, एनईपी 2020 द्वारा परिकल्पित बहु प्रवेश और निकास का प्रावधान है। छात्र पहले वर्ष के बाद प्रमाणपत्र के साथ, दूसरे वर्ष बाद डिप्लोमा के साथ, तीसरे वर्ष बाद डिग्री के साथ और चौथे वर्ष बाद ऑनर्स के साथ अपने संबंधित कार्यक्रम में प्रवेश या निकास कर सकते हैं। प्रत्येक सेमेस्टर 20 क्रेडिट का और पूरा कार्यक्रम 160 क्रेडिट का होगा।

मुख्य और सहायक विषयछात्र को दो मुख्य विषयों के साथ एक सहायक विषय दिया जाएगा। सहायक विषय पहले दो वर्षों यानी पहले चार सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। पांचवें और छठे सेमेस्टर में सहायक विषय हटा दिया जाएगा और छात्र केवल दो मुख्य विषयों का अध्ययन करेंगे। सातवें और आठवें सेमेस्टर वाले चौथे वर्ष में, छात्र योग्यता के नियमों के आधार पर एक विषय में ऑनर्स पाठ्यक्रम का अध्ययन करेंगे।

समग्र विकास और रोजगार कौशलपाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के दृष्टिकोण को पूरा करते हैं जहां शिक्षा केवल मुख्य विषयों के कक्षा शिक्षण के बारे में नहीं है बल्कि छात्रों के व्यक्तित्व और कौशल के समग्र विकास में भी योगदान करती है। यह उनके व्यक्तित्व के विकास और उनकी रोजगार क्षमता कौशल को बढ़ाने में मदद करेगा।

उद्योग अकादमिक सेतुएनईपी के लिए संस्थान को उद्योग के रुझानों का अनुमान लगाने और उद्योग की मांगों को पूरा करने और उद्योग-अकादमिक अंतराल को पाटने के लिए पाठ्यक्रमों को एकीकृत करने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के लिए, प्रस्तावित कार्यक्रमों में पाठ्यक्रम भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर विशेष ध्यान देंगे और इसमें संबंधित विषयों के लिए अनुशासन-विशिष्ट ऐच्छिक की एक विस्तृत श्रृंखला, साथ ही 2 क्रेडिट क्षमता वृद्धि ऐच्छिक, कौशल वृद्धि पाठ्यक्रम और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शामिल होंगे जो सभी छात्रों के लिए खुले होंगे।

बुनियादी ढांचे और नए पाठ्यक्रमप्रो जया कपूर ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के नेतृत्व में पिछले साढ़े चार वर्षों में विश्वविद्यालय ने खेल सुविधाओं में सुधार किया है, विदेशी और आधुनिक भारतीय भाषाओं को सिखाने के लिए दो अत्याधुनिक भाषा प्रयोगशालाएं बनाई हैं। साथ ही प्रदर्शन कला, ललित कला, फैशन डिजाइनिंग में विभिन्न अन्य व्यावहारिक कौशल पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं जहां एनईपी के तहत पहले शुरू किए गए एकीकृत कार्यक्रमों के छात्रों को पहले से ही ऐच्छिक और फाउंडेशन पाठ्यक्रम दिए जा रहे हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम में 20 से अधिक सीटें नहीं होंगी।

कार्यक्रमों के तहत छात्रों के लिए ऐसे कई अन्य नए ऐच्छिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इनमें हॉकी, बैडमिंटन क्रिकेट जैसे खेल की ट्रेनिंग, कम्प्यूटर, एआई, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की ट्रेनिंग, बेकिंग, खाद्य प्रसंस्करण, फैब्रिक पेंटिंग, कढ़ाई, कुकिंग के विभिन्न प्रकार जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन, चाइनीज व्यंजन, संगीत, लोक संगीत, विभिन्न वाद्य यंत्र जैसे सितार, तबला, गिटार वादन, धर्म शास्त्र, 16 संस्कार, कठोपनिषद, अन्य उपनिषद, कम्प्यूटर भाषाएं, क्रिएटिव राइटिंग, काव्य मंचन, व्यक्तित्व विकास एवं पब्लिक स्पीकिंग, भारतीय संस्कृति और इतिहासिक व्यक्ति जैसे 150 से ज्यादा कोर्स शुरू किए जाएंगे। सभी 2 क्रेडिट कोर्स की एक न्यूनतम फीस होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र