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श्रीनगर, 2 जुलाई (हि.स.)। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सभी संयुक्त पूछताछ केंद्रों (जेआईसी) में व्यवस्थित सुधार का आह्वान किया। यह बात उन रिपोर्टों के बाद कही गई है जिनमें कहा गया था कि हिरासत में एक व्यक्ति का जननांग विच्छेदन किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस कांस्टेबल को हिरासत में क्रूर और अमानवीय यातना दिए जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को उसे 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया।
मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक व्यक्ति को इतनी बेरहमी से प्रताड़ित किया गया कि उसके गुप्तांग क्षत-विक्षत कर दिए गए जो जम्मू-कश्मीर में हिरासत में हुए दुर्व्यवहार की एक भयावह याद दिलाता है। सीबीआई जाँच, गिरफ़्तारियों और 50 लाख रुपये के मुआवज़े का सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बहुत ही लंबित कदम है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा यह कोई अपवाद नहीं है, सभी संयुक्त सूचना आयोगों में व्यवस्थागत सुधार और जाँच की तत्काल आवश्यकता है।
अपने आदेश में, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि अवैध हिरासत के दौरान कांस्टेबल को लगी चोटें, विशेष रूप से उसके गुप्तांगों को पूरी तरह से क्षत-विक्षत करना, काली मिर्च/मिर्च पाउडर का इस्तेमाल और उसके गुप्तांगों पर बिजली के झटके देना, उसे दी गई अमानवीय यातना की गंभीर याद दिलाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह