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रांची, 22 जुलाई (हि.स.)। जीवन और मौत से जूझ रही हज़ारीबाग की 27 वर्षीय कृति सिंह को तत्काल स्टेम सेल की सख्त आवश्यक है। कृति ने मंगलवार को रांची प्रेस क्लब में जब यह मार्मिक अपील की ताे उपस्थित सभी लोग भावुक हो गए।
मौके पर परिजनों ने बताया कि महज़ 13 वर्ष की उम्र में क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (एक प्रकार का रक्त कैंसर) से ग्रस्त कृति ने बीते वर्षों में दवाओं के सहारे सामान्य जीवन जीने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन अब बीमारी एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है। जहां उसका इलाज केवल एक स्टेम सेल प्रत्यारोपण से ही संभव है। इसके लिए एक उपयुक्त रक्त स्टेम सेल दाता की सख्त ज़रूरत है और यही वह जगह है जहां आम लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। भावुक होते हुए कृति ने कहा कि अब सिर्फ़ एक डोनर मिलने से ही उसकी ज़िंदगी बदल सकती है।
मौके पर राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली के बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ दिनेश भूरानी ने कहा कि भारत में हर पांच मिनट में एक व्यक्ति रक्त कैंसर या रक्त विकार से ग्रस्त पाया जाता है। स्टेम सेल दान कई बार उनके लिए जीवन रक्षक साबित होता है। लेकिन भारत में एचएलए प्रकार की विविधता के कारण उपयुक्त डोनर ढूंढ़ना चुनौतीपूर्ण होता है।
डीकेएमएस फाउंडेशन, इंडिया के अध्यक्ष पैट्रिक पॉल ने कहा कि कृति जैसे मरीज़ों के लिए एक असंबंधित लेकिन मेल खाने वाला डोनर ढूंढ़ना ज़रूरी है। इसके लिए ज़रूरी है कि 18 से 50 वर्ष के बीच के स्वस्थ लोग आगे आएं और पंजीकरण करें। जितने अधिक लोग पंजीकृत होंगे, किसी के बचने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।
मौके पर पेट्रीक पॉल ने बताया कि 18 से 55 आयु वर्ग के स्वस्थ व्यक्ति हैं, वे डीकेएमएस इंडिया की वेबसाइट पर जाकर घर बैठे होम स्वैब किट मंगवा सकते हैं। स्वैब किट के माध्यम से गाल के अंदर से नमूना लेकर उसे वापस भेजना होता है। इसके बाद आपके ऊतक प्रकार का विश्लेषण कर वैश्विक डेटाबेस में शामिल कर दिया जाता है। अगर आपका एचएलए टाइप किसी मरीज़ से मेल खाता है, तो आपसे संपर्क किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar