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धर्मशाला, 22 जुलाई (हि.स.)। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने एक अहम फैसले में शिकायतकर्ता उपभोक्ता को बीमा कंपनी द्वारा नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 46207 रुपए की ईलाज राशि का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं। यह ईलाज राशि कंपनी द्वारा उपभोक्ता को शिकायत दर्ज होने की तारीख से भुगतान के रूप में अदा करनी होगी। इसके साथ ही बीमा कंपनी द्वारा उपभोक्ता को 12000 रुपए मानसिक व शारीरिक कष्ट मुआवजा व 10000 रुपए मुकदमेबाजी के तौर पर भी भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं।
शिकायतकर्ता द्वारा आयोग में दर्ज की गई शिकायत के तहत बताया था कि उन्होंने एक बीमा कंपनी से हैप्पी फैमिली फ्लोटर पॉलिसी-2021 के तहत 21 अक्टूबर 2022 से 20 अक्टूबर 2023 तक का बीमा लिया था, जिसकी बीमित राशि 5 लाख रुपए थी। 17 अप्रैल 2023 को उन्हें अचानक पीठ में तेज दर्द हुआ जिसके बाद उन्हें मोहाली स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां 19 अप्रैल 2023 तक ईलाज चला।
ईलाज पर कुल 46,207 रुपए खर्च हुए।
सोनिया ने इलाज के सभी दस्तावेज, बिल और बीमा पॉलिसी की प्रतियां बीमा कंपनी को क्लेम के लिए भेजीं, लेकिन बीमा कंपनी ने विना कोई संतोषजनक कारण बताए क्लेम को खारिज कर दिया। इसको लेकर बीमा कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए यह तर्क दिया कि क्लेम अस्वीकार इस कारण किया गया क्योंकि ईलाज का कोई सक्रिय उपचार प्रस्तुत नहीं किया गया और दस्तावेज समय पर नहीं मिले। दूसरी ओर अस्पताल ने स्वीकार किया कि शिकायतकर्ता को उनके अस्पताल में भर्ती किया गया था और 46,207 का बिल ईलाज राशि के लिए जारी किया गया था, जिसे बीमा कंपनी को भेजा भी गया था।
आयोग ने इस मामले में यह पाया कि शिकायतकर्ता अस्पताल में वास्तव में भर्ती थी और उनका ईलाज न्यूरोसर्जरी विभाग के विशेषज्ञ द्वारा किया गया था। बीमा कंपनी द्वारा क्लेम अस्वीकार करना गलत था और यह सेवा में स्पष्ट कमी थी। जिसके चलते आयोग ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए यह आदेश जारी किए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया