जावेद राणा ने पुंछ में आरडीएसएस के कार्यान्वयन की समीक्षा की
Javed Rana reviews implementation of RDSS in Poonch


जम्मू 22 जुलाई (हि.स.)। जल शक्ति, वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने मंगलवार को सिविल सचिवालय जम्मू में एक बैठक में पुंछ जिले में पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के कार्यान्वयन की गहन और व्यापक समीक्षा की।

यह बैठक विशेष रूप से आरडीएसएस के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता का आकलन करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। आरडीएसएस जम्मू-कश्मीर में बिजली वितरण क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, खासकर पहाड़ी जिले पुंछ में, जो अक्सर आने वाली बाढ़ और भूस्खलन के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है। बैठक में जेपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक श्रीकांत बालासाहेब सुसे, मुख्य अभियंता (परियोजनाएं) एवं सचिव (तकनीकी) मुमताज अहमद और जेपीडीसीएल के मुख्य अभियंता के के थापा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। चर्चाएँ मौजूदा समस्याओं की पहचान करने और उनका समाधान करने के साथ-साथ पुंछ जिले में आरडीएसएस के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय रणनीति तैयार करने पर केंद्रित थीं। समीक्षा के दौरान मंत्री ने पुंछ में आरडीएसएस परियोजनाओं की कथित रूप से घटिया क्रियान्वयन गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि यह निर्धारित तकनीकी मानकों से काफी कम है, विशेष रूप से जिले की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति और स्थलाकृति को देखते हुए। मंत्री महोदय ने प्रबंध निदेशक को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वे कार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न करें और सभी परियोजनाओं को निर्धारित मानकों का पूरी तरह से पालन करना अनिवार्य करें।

समीक्षा के दौरान जिन विशिष्ट चिंताजनक क्षेत्रों की गहन पहचान की गई और उन पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें खंभों, ट्रांसफार्मरों और सर्विस लाइनों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की कथित अनुचित स्थापना शामिल थी। व्यापक क्षेत्रीय निरीक्षणों में अनुचित फिनिशिंग, असमान खंभों और ढीले कंडक्टरों के उदाहरण सामने आए, जो न केवल सौंदर्यबोध को कम करते हैं, बल्कि सुरक्षा के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा करते हैं। इसके जवाब में मंत्री ने प्रबंध निदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी निर्माण सामग्री स्वीकृत मात्रा बिल और विनिर्देशों के अनुरूप हों, जिससे निर्मित किए जा रहे बुनियादी ढाँचे की स्थायित्व और विश्वसनीयता बनी रहे। इसके अलावा मंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि सभी उपकरणों की स्थापना उचित गुणवत्ता आश्वासन परीक्षण और गहन निरीक्षण के साथ की जानी चाहिए ताकि प्रणालियों की अधिकतम सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित की जा सके। इसके अतिरिक्त मंत्री ने सर्वेक्षणों के संचालन और चल रही परियोजनाओं की प्रगति में देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की, जो पुंछ में आरडीएसएस पहलों के समय पर पूरा होने और अंतिम सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया