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जबलपुर, 22 जुलाई (हि.स.)। नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी में सहायक रजिस्ट्रार की विवादित नियुक्ति को हाईकोर्ट ने रद्द किया। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने इसे सही ठहराया। इस मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। यह विवाद रामकिंकर मिश्रा की 2018 में हुई नियुक्ति से जुड़ा है। किरण अहिरवार नामक अभ्यर्थी ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल 2025 को अपने आदेश में कहा कि मिश्रा की नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई थी। कोर्ट ने उनकी नियुक्ति रद्द कर दी।
जस्टिस संजय द्विवेदी ने 22 अप्रैल 2025 को दिए आदेश में साफ कहा था कि चयन प्रक्रिया में न तो विज्ञापन में और न ही किसी नियम में अतिरिक्त अंकों का प्रावधान था। उसके बाद भी रामकिंकर मिश्रा को नियमों के खिलाफ जाते हुए अधिक अंक दिए गए। इसलिए मिश्रा का चयन रद्द किया जाता है और विश्वविद्यालय को निर्देश दिया जाता है कि वह तीन महीने के भीतर नियमों के अनुसार नई मेरिट सूची बनाए। कोर्ट के साफ आदेश और रिव्यू याचिका खारिज होने के बाद भी विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति ने पुरानी मेरिट सूची को ही 'सही' बताते हुए दोबारा जारी कर दिया है। यह कहा जा रहा है कि अदालत की अवमानना कर यूनिवर्सिटी खुलेआम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक