इंदौरः दस्तक अभियान का शुभारंभ
इंदौरः दस्तक अभियान का शुभारंभ


इंदौर, 22 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के साथ-साथ इंदौर जिले में भी मंगलवार को दस्तक अभियान का शुभारंभ हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हसानी ने हुकुमचंद अस्पताल में दीप प्रज्ज्वलन कर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर 05 वर्षीय रोहन एवं दिव्या को ओआरएस एवं जिंक टेबलेट दी, साथ ही 09 माह की इनाया नूर को विटामिन-ए का अनुपूरण किया गया।

उपसंचालक शिशु स्वास्थ्य डॉ. हिमानी यादव ने इंदौर जिले में दस्तक अभियान के दौरान प्रदान की जा रही सेवाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ने ईमली बाजार स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र और अलशिफा क्लिनिक सदर बाजार क्षेत्र में गई मैदानी कार्यकर्ताओं तथा हितग्राहियों से संवाद किया और अभियान के दौरान 0 से 05 तक के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का आग्रह किया।

सीएमएचओ डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि कि दस्तक अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर कार्य होंगे। इसके लिए आशा, आंगनवाड़ी तय एएनएम के माध्यम से जिले में चिंहित 0 से 5 साल तक के बच्चों तक घर-घर पहुँचा जायेगा। खासकर हाईरिस्क एरिया, अर्बन स्लम, पहुँचविहीन क्षेत्रों, खानाबदोश आबादी, ईंट भट्टे, बंजारा आबादी तया निर्माणाधीन भवनों में रहने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। अभियान के दौरान सतत मॉनिटरिंग होगी। यह अभियान 16 सितम्बर 2025 तक चलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य बाल एवं शिशु दर में कमी लाना, बाल्यकालीन बीमारियों की रोकयाम 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं देना।

डॉ. हसानी ने बताया कि बाल मृत्यु में कमी लाने हेतु साक्ष्य आधारित हस्तक्षेप में यदि हम बाल्यकालीन दस्त रोग में जिंक और ORS के उपयोग करते हैं, तो शिशु मृत्यु दर में 96 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। उचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति से शिशु मृत्यु दर में 20 प्रतिशत कमी आ सकती है। गंभीर कुपोषण का संस्थागत प्रबंधन से बाल मृत्यु दर में 45 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। विटामिन-ए अनुपूरण, एनीमिया नियंत्रण तथा निमोनिया का संस्थागत प्रबंधन कर के क्रमशः 20 एवं 90 प्रतिशत कमी लाई जा सकती है। गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान तथा एनआरसी में रेफरल बाल्यकालीन निमोनिया को पहचानने हेतु लक्षणों का सरल चिन्हांकन, जन्मोपरांत शिशु द्वारा एक घंटे के भीतर स्तनपान तया 06 माह तक केवल स्तनपान, 06 माह पश्चात अनुपूरक आहार एवं स्वच्छता संबंधी व्यवहार के बारे में विस्तार से समझाया जाएगा।

अभियान के तहत जिले में लगभग 350 दस्तक दलों के माध्यम से चार लाख से अधिक बच्चों को सेवाएं प्रदान की जाएंगी, इस बार के दस्तक अभियान में यह एक रणनीतिक परिवर्तन किया गया कि प्रथम दिन सेवाएं VHND / UHND पर प्रदान की जायेगी तथा छूटे हुए बच्चों को अगले दो दिन दस्तक दल द्वारा सेवाएं दी जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर