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बिलासपुर,22 जुलाई (हि.स.)। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए अहम माने जाने वाली बस सेवा का संचालन सही ढंग से नहीं होने को लेकर चल रही याचिका पर आज मंगलवार काे हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पूछा कि बिलासपुर जिले में कितनी बसें चल रही हैं..? जिसके जवाब में शासन का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया की इस मामले में सचिव, परिवहन विभाग ने शपथपत्र पेश किया है और बिलासपुर नगर निगम आयुक्त का भी शपथ पत्र पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वर्ष 2012-2013 में शुरू की गई थी। कुल 451 बसें 70 शहरों/कस्बों में संचालित करने के लिए खरीद की गई , जिससे 9 शहरी समूह बनते हैं। ये 9 समूह रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा और बस्तर थे। बिलासपुर में 9 बसों में से 6 चालू हालत में है और वर्तमान में 5 बस चल रही है। एक बस कुछ दिनों में सेवा में आ जाएगी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जल्द इस पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर 2025 को तय की है।
पिछले 10 जून 2025 को सुनवाई में राज्य का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता ने बताया था कि डीजल बसों के स्थान पर नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी। हालांकि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन के लिए निविदा मार्च, 2024 में ही बसें शुरू कर दी गई थीं। जिसपर कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि बिलासपुर जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों के लिए सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जब तक नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदकर उन्हें चालू नहीं कर दिया जाता, आम जनता को असुविधा हो रही है। इसके मद्देनजर, सचिव, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार को उपरोक्त पहलू पर भी एक शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया था।
वहीं बिलासपुर के परिप्रेक्ष्य में दिए हलफनामे में बताया गया था कि वर्ष 2020-2021 में कोविड महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सिटी बसों का संचालन रोक दिया गया था। बसों का संचालन न होने के कारण, बसें क्षतिग्रस्त हो गईं। ये बसें वर्ष 2014-2015 में शुरू की गई थीं और लगभग 10 वर्ष पूरे कर चुकी हैं। बसों का संचालन न होने के कारण कोविड महामारी के दौरान और बसों के पुराने हो जाने के कारण अधिकांश बसें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में चल रही हैं। जिसके बाद कुछ बसों को सुधार कर सुविधा दी जा रही है।
मुख्य सचिव परिवहन विभाग में शपथ पत्र में बताया कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना शुरू की है जिसके तहत पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा। दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा के लिए पहले ही 140 बसें स्वीकृत की जा चुकी हैं। रायपुर शहर के लिए मध्यम श्रेणी की 100 अन्य बसें स्वीकृत की गई हैं। इस प्रकार, शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के अंतर्गत कुल 240 इलेक्ट्रिक बसों के तैनात किए जाने की उम्मीद है। वहीं भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य सहित विभिन्न राज्यों में 4588 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन के लिए 14 मार्च, 2024 को एक एकीकृत निविदा जारी की है। प्रधान मंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत कुल 67.40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। छत्तीसगढ़ के 4 शहरों के लिए मंत्री ई-बस सेवा योजना, जिसमें बस डिपो अवसंरचना के लिए 36.62 करोड़ रुपये शामिल हैं। वहीं बस डिपो अवसंरचना और बीटीएम विद्युत अवसंरचना वर्तमान में विकासाधीन हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi