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- भारी पुलिस बल ने कर्मचारियों को समझाकर शांत कराया
लखनऊ, 22 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों का गुस्सा निजीकरण के विरोध में मंगलवार को फूट पड़ा। उप्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय पर मौन प्रदर्शन किया। इसके बाद कर्मचारी ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के आवास पहुंच गए और प्रदर्शन करते हुए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा निजीकरण के लिए बिजली कर्मियों पर बड़े पैमाने पर की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों पर विरोध जताया।
प्रांतव्यापी विरोधी प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश में विद्युत आपूर्ति संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, विवेक सिंह, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, आर बी सिंह, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, रामचरण सिंह, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, देवेन्द्र पाण्डेय, के.एस. रावत, राम निवास त्यागी, प्रेम नाथ राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो इलियास, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह समेत सैकड़ों कर्मचारियों ने विभागीय कार्यवाहियों पर नाराजगी जताई।
कर्मचारियों ने कहा कि उत्पीड़न की लगातार चल रही कार्यवाहियों के बीच में जिस प्रकार ऊर्जा मंत्री ने मात्र 10 मिनट के लिए बिजली जाने पर जूनियर इंजीनियर से लेकर मुख्य अभियन्ता तक को निलम्बित कर दिया है, यह सही नहीं है। संघर्ष समिति ने मांग की है कि निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों को अपना पक्ष रखने देने के लिए लखनऊ में दोबारा जन सुनवाई कराई जाए।
संघर्ष समिति का कहना है कि उत्पीड़न की दृष्टि से हजारों बिजली कर्मचारियों का दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया और उन्हें बिना प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए तत्काल कार्य मुक्त कर दिया गया। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर 7000 से अधिक बिजली कर्मियों का जून माह का वेतन रोक लिया गया है। 21 जुलाई तक बिजली कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है जिससे उनके परिवारों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके पूर्व अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों की निजीकरण करने के लिए बड़े पैमाने पर छटनी की गई और उन्हें निकाल दिया गया।
ऊर्जा मंत्री के आवास पहुंचे कर्मियों की जानकारी पर पहुंची कई थानों की पुलिस बल ने समझाते हुए आवास से बाहर किया। मामले में कर्मचारियों को उनकी मांगों पर विचार करने की बात कही गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा