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वॉशिंगटन, 22 जुलाई (हि.स.)। संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रहे 11,700 अफगान नागरिकों को देश से निकाले जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि एक संघीय अपीली अदालत ने अमेरिका में उनकी अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। यह स्थिति अफगानों को काम करने और निर्वासन से सुरक्षा प्रदान करती थी।
चौथे यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स, वर्जीनिया की तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन के उस निर्णय को स्थगित करने के लिए “पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं” जिसमें टीपीएस को बढ़ाने से मना किया गया था।
टीपीएस की मियाद 14 जुलाई को समाप्त हो गई थी, लेकिन अदालत ने 21 जुलाई तक इसकी अस्थायी बढ़ोतरी की थी ताकि इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सके। अब जब अदालत ने याचिका खारिज कर दी है, तो इन हजारों अफगानों के निर्वासन की प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने मई 2025 में घोषणा की थी कि अफगानों को दी गई टीपीएस 60 दिनों में समाप्त की जाएगी, जिसके चलते 11,700 लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा है।
प्रवासी अधिकार संगठनों ने अदालत के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि अफगान नागरिकों को जबरन उनके देश लौटाना उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि वहां अब भी तालिबान का कठोर शासन लागू है।
ऐसे में अब इन नागरिकों को अमेरिका में रहने के लिए शरण (असाइलम) का अनुरोध करना होगा या कोई अन्य वैध वीज़ा श्रेणी तलाशनी होगी। हालांकि, इन प्रक्रियाओं में समय लगता है और कई लोगों को कानूनी सहायता की आवश्यकता होगी।
क्या है टीपीएस
अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) एक विशेष दर्जा है, जो अमेरिकी सरकार उन देशों के नागरिकों को देती है जहाँ युद्ध, अस्थिरता या प्राकृतिक आपदाओं के कारण वापसी असुरक्षित मानी जाती है। अफगान नागरिकों को यह दर्जा 2022 में तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद प्रदान किया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय