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जम्मू, 22 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता और राज्य सचिव पवन शर्मा गहरी चिंता और निराशा के साथ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में बढ़ते जन असंतोष और नीतिगत भटकाव को संबोधित करते हुए यह बयान जारी कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है शांति, स्थिरता और सतत विकास की चाहत लेकिन मुख्यमंत्री गैर-ज़रूरी, विभाजनकारी और प्रतीकात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो न तो लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाते हैं और न ही राज्य की प्रगति में सार्थक योगदान देते हैं।
शर्मा ने आगे कहा कि लंबे समय से लंबित बुनियादी ढाँचे के विकास, दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण, युवाओं को रोज़गार, औद्योगिक निवेश और जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सरकार सुर्खियाँ बटोरने वाले मुद्दों में व्यस्त है। इनमें सतही प्रशासनिक फेरबदल, भाषाई या औपचारिक मामलों पर अनावश्यक बहस और पहचान की राजनीति पर गलत ज़ोर शामिल है—ये सभी आम नागरिक की बुनियादी चिंताओं का समाधान करने में विफल हैं।
राज्य में बेरोज़गारी खासकर शिक्षित युवाओं में चिंताजनक दर से बढ़ रही है। राज्य सरकार की ओर से कोई व्यापक रोज़गार सृजन योजना या व्यावसायिक पहल नहीं है। नौकरशाही की अक्षमता और राजनीतिक उदासीनता के कारण, खासकर दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ या तो रुकी हुई हैं या जानबूझकर धीमी कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बयानबाज़ी नहीं चाहते—वे ठोस नतीजे चाहते हैं। उन्हें प्रभावी शासन, पारदर्शिता, जवाबदेही और सबसे महत्वपूर्ण एक उज्जवल भविष्य के लिए आशावाद की भावना की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के लिए अपनी प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन करना और मूल विकासात्मक उद्देश्यों और राष्ट्रीय हितों पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता