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रायपुर ,22 जुलाई (हि.स.)। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने छत्तीसगढ़ की सड़कों के जर्जर स्थिति पर आज मंगलवार काे कहा कि छत्तीसगढ़ में हाईवे सहित सभी मुख्य सड़कों की जर्जर हालत गंभीर समस्या बन चुकी है। कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर बड़े-बड़े गड्ढे, टूटी सतह और उचित मरम्मत की कमी से दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले हाईवे भी बदहाल स्थिति में हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
मुख्य सड़कों पर अव्यवस्था और रोशनी की कमी,हाईवे पर खराब सड़क,अंधेरा,गाय‑कुत्ता आदि के कारण ज्यादातर दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। और हर साल हजारों लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो रही है। सरकार का ठेकेदारों पर कोई लगाम नहीं है और अधिकारी अपने कमिशन के चक्कर में सड़क की गुणवत्ता भी चेक नहीं करते हैं और निर्माण कार्य की सही जांच और जिम्मेदारी तय नहीं होती। साय सरकार घोषणाओं की सरकार है भाजपा अच्छी सड़कें सिर्फ कागज़ी घोषणाओं व बजट दिखाकर जनता को भ्रमित कर रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा।
प्रदेश महासचिव (मीडिया,सोशल मीडिया,मुख्य प्रवक्ता) सूरज उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 2023 में 13,468 दुर्घटनाएँ हुई जिसमें 6,166 मौतें हुई और 11,723 घायल हुए वहीँ वर्ष 2024 में 14,853 दुर्घटनाएँ हुई जिसमें 6,752 मौतें हुई और 12,573 लोग घायल हुए। 2024 में प्रति दिन औसतन लगभग 40 दुर्घटनाएँ हो रही थीं, जिसमें 19 लोगों की मृत्यु होती थी। 2022 में हादसों का 82% हिस्सा ओवरस्पीडिंग या रॉन्ग साइड ड्राइविंग से जुड़ा था। दो‑पहिया वाहनों में हेलमेट न पहनने से मौतों का जोखिम भी बढ़ा है हेलमेट पर हाईवे में सख्त नियम होने चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तम जायसवाल ने कहा कि ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण में निम्न गुणवत्ता की सामग्री और अच्छी तकनीक की कमी के कारण जल्द ही सड़कें उखड़ जातीं हैं। मानसून में सड़क पर पानी भरने से डामर जल्दी उखड़ जाता है जो की सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। चरागाह ज़मीन की कमी और गौठान ना होने के कारण किसान अपने जानवरों को सड़क किनारे छोड़ देते हैं जिससे दिन में भी और अंधेरे में जानवर दिखाई नहीं देने पर तेज़ रफ्तार वाहन टकरा जाते हैं। और जानमाल की बड़ी घटनाएं हो जातीं हैं सरकार को गौठान की सुचारु व्यवस्था करनी चाहिए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी,प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ का पीडब्ल्यूडी विभाग इतना उदासीन है कि सड़कों की समय पर मरम्मत और पैचवर्क पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। ओवरलोड भारी वाहनों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती की जाती जिससे सड़क की सतह तेजी से खराब होती है। बाइक चालक अक्सर नशे की स्थिति में, गलत दिशा में चलने और नियम तोड़ने की वजह से हादसे करते हैं नशे में वाहन चलाने पर सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए। ख़राब सड़क से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों, किसानों और मरीजों की आवाजाही सबसे अधिक प्रभावित हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल