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भारत में यूनानी चिकित्सा का दायरा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है:- डॉ. मोहम्मद वसी बेग
हरदोई,22 जुलाई (हि. स.)। ए आई सी पी ई आर टी के चेयरमैन डॉ मोहम्मद वसी बेग ने मंगलवार को वार्ता में बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के एक अभिन्न अंग के रूप में यूनानी चिकित्सा भारत में महत्वपूर्ण महत्व रखती है, जिसे इसके समग्र दृष्टिकोण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह शरीर के अंगों और क्षमताओं के संतुलन पर ज़ोर देती है, और रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित है।
यूनानी चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यूनानी चिकित्सा व्यक्ति को समग्र रूप से देखती है, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार किया जाता है।
यूनानी चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देकर और शरीर के संतुलन को बनाए रखकर रोगों की रोकथाम करना है।
यूनानी चिकित्सा अक्सर पारंपरिक चिकित्सा की तुलना में अधिक किफ़ायती और सुलभ होती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
यूनानी चिकित्सा में आधुनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान प्रस्तुत करने की क्षमता है।भारत सरकार यूनानी चिकित्सा के महत्व को पहचानती है और शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान केंद्रों और स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के माध्यम से इसके विकास के लिए सहायता प्रदान करती है।
यूनानी चिकित्सा अब चिकित्सकों, अस्पतालों और अनुसंधान संस्थानों के साथ भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।
हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना