Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाया जाएगा व्यापक अभियान
पटना, 22 जुलाई (हि.स.)।
राज्य के बड़े साइबर अपराधियों में शुमार हर्षित गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पूरे रैकेट की पड़ताल शुरू कर दी है।
इस गिरोह में शामिल तमाम लोगों की पहचान कर इनके खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। ईओयू के एडीजी नै इसकी पुष्टि
की है।
हर्षित ने फर्जी दस्तावेज की बदौलत झारखंड में पाकुड़ के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में भी कुछ स्थानों से सिम कार्ड खरीदे थे। इनकी संख्या 1 हजार से अधिक है। इन फर्जी सिम कार्ड को कैसे एक्टिवेट किया गया और इन्हें खरीदने में किन लोगों की सक्रिय भूमिका रही है, इन तमाम बातों की पड़ताल चल रही है। इसमें शामिल ऐसे सभी संदिग्धों की पहचान कर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर फर्जीवाड़ा करने के लिए इस तरह के सिम बॉक्स का इस्तेमाल कुछ अन्य साइबर गैंग के स्तर से भी करने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे तमाम सरगनाओं की पहचान कर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर ली गई है। तमाम संदिग्ध स्थानों की रैंडम जांच की जाएगी। ताकि इन्हें दबोचा जा सके। साइबर फ्रॉड के पूरे गैंग को खंगालने की शुरुआत कर दी गई है। ताकि अधिक से अधिक अपराधियों को दबोचा जा सके।
इस गैंग में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी लगातार जारी है। संदिग्ध स्थानों की पहचान कर खासतौर से सघन तलाशी कराई जा रही है।
साइबर ठगी के इस पूरे मामले में सबसे बड़ी चुनौती बनकर यह सामने आ रही है कि कई दूसरे देशों से इनके तार जुड़े हुए हैं। इनके बीच ठगी या फर्जीवाड़ा की जितनी राशि का लेनदेन हुआ है, उसका अधिकांश हिस्सा क्रिप्टो करेंसी में है। इनकी पूरी डिलिंग डार्क वेब के जरिए होती थी। हालांकि ईओयू ने हर्षित के एक बैंक खाते को सील कर दिया है, जिसमें ढाई करोड़ रुपये से अधिक हैं। ऐसे 35 से अधिक बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनमें हुए करोड़ों के लेनदेन की पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है।
इस मामले में ईओयू के साथ सघन तफ्तीश करने के लिए सीबीआई की आर्थिक अपराध इकाई और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की खास टीम के कुछ अधिकारी मंगलवार को पटना पहुंच गए हैं। कुछ अन्य अधिकारियों के भी जल्द पहुंचने की संभावना है, ताकि पूरे मामले की सही तरीके से तफ्तीश की जा सके। इस गैंग के तार कई राज्यों के अतिरिक्त विदेशों तक से जुड़े होने के कारण केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया जा रहा है, जिससे मामले की तफ्तीश में सुविधा हो और दूसरे राज्यों में भी तेजी से कार्रवाई कर संबंधित अपराधियों को दबोचा जा सके।
इस मामले में ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बातचीत में कहा कि ईओयू में पूरे ममले की तफ्तीश के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है। साइबर फ्रॉड से जुड़े तमाम जालसाजों की तलाश की जा रही है। पूरे मामले की व्यापक स्तर पर जांच जारी है। जल्द इस मामले में कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हो सकती है। इससे फायदा उठाने वाले सभी लोगों की भी पड़ताल चल रही है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी