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हिसार, 22 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए चलाई जा रही दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना ऐसे परिवारों के लिए है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है और जिनके किसी सदस्य की आकस्मिक या प्राकृतिक मृत्यु अथवा स्थायी विकलांगता हो जाती है। अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने मंगलवार को बताया कि 6 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष तक की आयु वाले व्यक्ति की मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में यह सहायता परिवार को दी जाती है।
योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक हो सकती है। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि योजना के लाभ के लिए पात्रता के रूप में लाभार्थी का नाम परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में दर्ज होना चाहिए और उसकी पारिवारिक आय पीपीपी डेटाबेस में सत्यापित रूप से 1.80 लाख रुपये वार्षिक से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सहायता राशि आयु के अनुसार निर्धारित की गई है, जिसमें 6 से 12 वर्ष की आयु तक 1 लाख रुपये, 12 से 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 से 45 वर्ष तक 5 लाख रुपये और 45 से 60 वर्ष तक 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान है।एडीसी ने यह भी बताया कि यदि लाभार्थी केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना या प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत पहले से लाभान्वित है, तो डीडीयूएपीएसवाई के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता में उन बीमा योजनाओं से प्राप्त राशि को समायोजित किया जाएगा। दावा प्रक्रिया के संबंध में मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में लाभार्थी अथवा उसके परिजन को तीन महीने के भीतर योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर दावा दायर करना होगा। मृत्यु की स्थिति में सहायता राशि परिवार के मुखिया के बैंक खाते में दी जाएगी। वहीं स्थायी विकलांगता की स्थिति में यह राशि सीधे लाभार्थी को दी जाएगी। यदि परिवार के मुखिया की मृत्यु या विकलांगता हो, तो यह सहायता पीपीपी डेटाबेस में दर्ज 60 वर्ष से कम आयु के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त उपायुक्त ने पात्र परिवारों से आग्रह किया कि वे योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें और पात्र होने की स्थिति में समय पर आवेदन कर इस सुविधा का लाभ उठाएं। यह योजना संकट की घड़ी में उनके लिए एक मजबूत आर्थिक सहारा बन सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर