फरीदाबाद में पाकिस्तानी हिंदू महिला ने जुड़वां बच्चों को दिया जन्म, वीजा अवधि हो चुकी है पूरी
महिला के वीजा की फोटो


- केन्द्र सरकार से यहीं बसने और दोनों नवजातों को भारत की नागरिकता देने की मांग- पति-पत्नी के बयानों में विरोधाभास के चलते सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, जांच में जुटी

फरीदाबाद, 22 जुलाई (हि.स.)। जिले के बादशाह खान सिविल अस्पताल में एक पाकिस्तानी महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। टूरिस्ट वीजा पर भारत आई हिंदू महिला के प्रसव के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकता और अवैध प्रवास जैसे गंभीर मुद्दों का भी जन्म हुआ है। हिंदू महिला अब भारत में ही रहना

चाहती है।

पाकिस्तान से टूरिस्ट वीजा पर दुर्गा अपने पति पुरुषोत्तम और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भारत आई थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार इनका वीजा अवधि 20 जून 2025 को समाप्त हो चुकी है। पाकिस्तान नागरिक दुर्गा ने बीते 20 जुलाई को एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया है। फिलहाल मां और दोनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं और चिकित्सकों की निगरानी में हैं। अब यह परिवार भारत में स्थायी रूप से बसने की इच्छा जता रहे हैं। दुर्गा का कहना है कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर अत्याचार होते हैं और वहां उन्हें सम्मान व सुरक्षा नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि भारत में उन्हें न केवल सुरक्षा मिली है बल्कि यहां उन्हें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं झेलना पड़ा। वह भारत में जन्मे अपने दोनों नवजात बच्चों को लेकर यहां ही बसने की मांग केन्द्र सरकार से की है। उसने अपने दोनों बच्चों को भारतीय नागरिकता देने की भी मांग की है।

इस मामले में महिला और उसके पति पुरुषोत्तम के बयानों में बड़ा विरोधाभास सामने आया है। दुर्गा का कहना है कि वह पाकिस्तान से अपने पति और दो बेटियों के साथ आई थी, जबकि पुरुषोत्तम ने पुलिस को बताया कि उसकी पहले से पांच बेटियां थीं और अब जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद उनके कुल सात संतान हो गई हैं। इस विरोधाभास को पुलिस और खुफिया एजेंसियां गंभीरता से ले रही हैं और दोनों के बयानों की गहनता से जांच की जा रही है।

पुरुषोत्तम ने बताया कि वह जाति से पंडित हैं और दिल्ली के पास भाटी माइंस क्षेत्र में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनका दावा है कि भाटी माइंस इलाके में 10 हजार से अधिक पाकिस्तानी मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से कई को भारत सरकार से पेंशन और अन्य नागरिक सुविधाएं भी मिल रही हैं। वहीं दुर्गा की बुआ सास वजीरा ने भी पुष्टि की कि वह लगभग 50 वर्ष पहले पाकिस्तान से भारत आई थीं और अब भारतीय नागरिक बन चुकी हैं।

इस मामले में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि दुर्गा का वीजा समाप्त हो चुका है और इसके बावजूद वह भारत में रह रही है। इस बात पर अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया न तो भारत सरकार की ओर से आई है और न ही सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कार्रवाई हुई है। इस सवाल पर भी चर्चा हो रही है कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी महिला कैसे अस्पताल में भर्ती रही और बिना वैध दस्तावेजों के भारत में निवास कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग