भ्रष्ट्राचार के आरोप में जिला पंचायत के दो तदर्थ कनिष्ठ अभियंताओं की सेवा समाप्त
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पौड़ी गढ़वाल, 21 जुलाई (हि.स.)। शासन ने भ्रष्ट्राचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत पौड़ी के दो तदर्थ कनिष्ठ अभियंताओं की सेवाएं समाप्त कर दी है। दोनो अभियंताओं पर भ्रष्ट्राचार व पद के दुरूप्रयोग करने का आरोप था। जांच में आरोप सही मिलने पर पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने दोनों अभियंताओं की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए है।

जिला पंचायत पौड़ी में कार्यरत तदर्थ कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन रावत व तदर्थ कनिष्ठ अभियंता आलोक रावत पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगे थे। शासन ने बीते नवंबर 2024 को पंचायतीराज निदेशक को मामले की जांच सौंपी थी। निदेशक ने जांच बीते 11 जून को रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर जिला पंचायत पौड़ी में सेवारत दो तदर्थ कनिष्ठ अभियंताओं की सेवा तत्काल प्रभाव समाप्त कर दी गई है।

आदेश में पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने कहा है कि प्रभारी अभियंता के पद पर रहते हुए तदर्थ कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन रावत ने भवन व होटल के मानचित्रों को स्वीकृत किया जबकि यह अधिकार अपर मुख्य अधिकारी का है। वहीं, दूसरे तदर्थ कनिष्ठ अभियंता आलोक रावत के भाई अखिलेश रावत ने जिला पंचायत पौड़ी में ठेकेदारी की लेकिन उन्होंने जिला पंचायत प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी है। जो शासनादेश का उल्लंघन है। जांच में पुष्टि हुई कि मैसर्स बुटोला इंटरप्राइजेज नामक फर्म को 1 करोड़ 47 लाख 94 हजार 346 रुपए का भुगतान किया। इस फर्म में प्रभारी अभियंता (तदर्थ) सुदर्शन रावत और तदर्थ कनिष्ठ अभियंता आलोक रावत की पत्नियां 25-25 फीसदी की हिस्सेदार थी। जिसकी सूचना उन्होंने जिला पंचायत पौड़ी प्रशासन को नहीं दी थी। यह पद का दुरुपयोग करने के साथ ही फर्म को लाभ पहुंचाना है।

प्रभारी अभियंता के पद पर सेवारत तदर्थ कनिष्ठ अभियंता को वित्तीय अनयिमितता के आरोप में 21 अक्तूबर 2024 को निलंबित कर दिया गया था। जबकि तदर्थ कनिष्ठ अभियंता आलोक रावत विभाग में सेवारत था।

हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह