सावन माह के दूसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दरबार में आस्था का सैलाब,मंदिर परिक्षेत्र का हर कोना केसरिया
बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा करते अफसर


दरबार में भीड़


शिवभक्तों पर पुष्प बरसाते समाजिक कार्यकर्ता


—खास कामिका एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग में पावन ज्योर्तिलिंग का जलाभिषेक और झांकी दर्शन कर शिवभक्त आह्लादित,दरबार में श्रद्धालुओं की अटूट कतार

वाराणसी,21 जुलाई (हि.स.)। सावन माह के दूसरे सोमवार पर बाबा विश्वेश्वर(श्री काशी विश्वनाथ) की नगरी पूरी तरह शिवमय हो चुकी है। रविवार देर शाम से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए धाम में उमड़ पड़ी। कामिका एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग और खास गौरी योग में शिवभक्त और कावड़िए श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में भोर की मंगलाआरती के बाद पावन ज्योर्तिलिंग का जलाभिषेक और झांकी दर्शन कर रहे है। दर्शन पूजन के बाद श्री काशी विश्वनाथ के भव्य और नव्य विस्तारित स्वरूप को देख शिवभक्त और कांवड़िये आह्लादित हैं। मंदिर के गर्भगृह से गंगा तट तक बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। कांवड़ियों और शिवभक्तों से मंदिर परिक्षेत्र का हर कोना केसरिया दिख रहा है।

भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किए हैं। इस बार भी सावन के दूसरे सोमवार पर भोर में कतारबद्ध शिवभक्तों पर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण के नेतृत्व में अफसरों ने गुलाब की पंखुड़िया बरसाई। प्रदेश शासन के निर्देश पर स्वागत के इस अंदाज पर शिवभक्त भी खुश दिखे। मंदिर में भीड़ नियंत्रण और भक्तों को बेहतर अनुभव देने के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें चार अलग-अलग गेट से प्रवेश, डिजिटल दर्शन और 24 घंटे मेडिकल सपोर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। वीआईपी दर्शन और सुगम दर्शन टिकट बुकिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। सावन के पहले सोमवार की भांति दूसरे सोमवार को भी नंदूफेरिया, सिल्को गली, ढुंढिराज गणेश, सरस्वती फाटक प्रवेश मार्ग से श्रद्धालु बाबा के चौखट तक दर्शन के लिए पहुंच रहे है। परिसर में जिगजैग बैरिकेडिंग से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। सावन के दूसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं को शाम को गौरी शंकर स्वरूप के झांकी का दर्शन मिलेगा।

इसके पूर्व रात 3:30 पर बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग की विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य श्रृंगार कर मंगला आरती हुई। इसके बाद मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धा की अटूट कतार स्वर्णिम दरबार में दर्शन पूजन के लिए उमड़ पड़ी। लाखों श्रद्धालु रविवार शाम से ही बाबा के दर्शन पूजन के लिए कतार में होने लगे। रात बारह बजे तक शयन आरती के बाद मंदिर का कपाट बंद होने से पहले तक विश्वनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई थी। थकावट, उमस के बीच नंगे पाव चलने से पांव के छाले भी आस्था से डिगा नही पाए। बाबा दरबार में पहुंचते ही हर-हर महादेव का उद्घोष बाबा के प्रति समर्पण उनके अंग-अंग से झलक रहा था। शिवभक्त दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान के बाद पात्रों में जल भरकर भोर से ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए अनवरत लाइन में लगते रहे। कतारबद्ध कावड़ियों और शिवभक्तों की सेवा में सामाजिक संगठनों,नागरिक सुरक्षा संगठन के साथ सपा— भाजपा के कार्यकर्ता जगह-जगह शिविर लगाये हुए है। सावन के दूसरे सोमवार पर ही नगर के अन्य प्रमुख शिवालय दारानगर स्थित महामृत्युजंय, शूलटंकेश्वर महादेव, तिलभाण्डेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव, त्रिलोचन महादेव, रामेश्वर महादेव, कर्मदेश्वर महादेव, सारंगनाथ, गौतमेश्वर महादेव सहित सभी छोटे बड़े शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।

—मार्कंडेय महादेव धाम में उमड़े लाखों शिवभक्त

चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई हैं। रविवार शाम से ही श्रद्धालु दरबार में पहुंच गये थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की है। धाम से तीन किलोमीटर पहले कैथी तिराहे पर ही सभी प्रकार के वाहन रोक दिए जा रहे है। श्रद्धालु गंगा-गोमती संगम में डुबकी लगाने के बाद मार्कंडेय महादेव धाम दर्शन-पूजन व जलाभिषेक करने पहुंच रहे है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी