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भाेपाल, 21 जुलाई (हि.स.)। कुशल संगठनकर्ता व कार्यकर्ताओं की प्रेरणा रहे मप्र के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन 'बाबूजी' का आज साेमवार काे श्रद्धांजलि दिवस है। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लालजी टंडन 'बाबूजी' को याद कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा, मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल, श्रद्धेय लालजी टंडन 'बाबूजी' को पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। संगठन, सेवा और अनुशासन को समर्पित उनका संपूर्ण जीवन देशभक्ति और गरीब कल्याण के संकल्प का अनुकरणीय अध्याय है, जो राष्ट्र के प्रति कर्तव्य बोध की प्रेरणा देता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि लालजी टंडन एक लोकसेवक, कुशल प्रशासक और भाजपा के विश्वसनीय चेहरा थे। उन्होंने राज्य स्तर पर मंत्री, सांसद और अंत में राज्यपाल के रूप में भारत की सेवा की। उनकी छवि लखनऊ की संस्कृति और राष्ट्रीय राजनीति के बीच एक सेतु के रूप में थी। लालजी टंडन (12 अप्रैल 1935 – 21 जुलाई 2020) एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता के रूप में रहे , जो भाजपा के सदस्य और अटल बिहारी वाजपेयी के प्रिय शिष्य माने जाते थे
1978–1984 और 1990–1996 तक यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे, दूसरे कार्यकाल में ‘लीडर ऑफ द हाउस’ भी बने। 1996–2009 तक तीन बार विधायक चुने गए और 2003–2007 तक विपक्ष के नेता रहे। 1991 से 2003 तक उन्होंने अर्बन डेवलपमेंट, पावर सहित कई मंत्रालयों में कार्य किया, खासकर कल्याण सिंह और मायावती सरकारों में उनका यह कार्यकाल रहा। 2009 में लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए, यह सीट लंबे समय तक यहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चुने जाते रहे थे। उन्होंने 2014 तक सांसद के रूप में कार्य किया।
इसके अलावा वे बिहार के राज्यपाल के रूप में 23 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक रहे, इस दौरान उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों के प्रशासन को सुचारू बनाने में योगदान दिया । मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। इस बीच एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने राज्य स्तरीय संस्थानों में विशेष विद्याकेंद्रों को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाई। 21 जुलाई 2020 को 85 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। उनके सम्मान में मध्य प्रदेश में पांच दिवसीय राजकीय शोक मनाया गया। वहीं, लखनऊ में उनके नाम पर रोड व मेमोरियल हाल बनाए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे