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देहरादून, 02 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में उत्पादित रेशम कोया फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। इस फैसले से रेशम उत्पादक किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा तथा राज्य के रेशम उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
मंत्रिमंडल निर्णय के अनुसार, प्रदेश में रेशम कोयों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए अपर सचिव, उद्यान की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के अनुक्रम में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रेशम कोया फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का स्वीकृति प्रदान करने और वित्तीय वर्ष 2025-26 से अग्रेत्तर वर्षों के लिए वित्त विभाग के परामर्श से कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग की ओर से जारी करने के लिए विभाग को अधिकृत करने का प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया। बाईवोल्टीन रेशम कोया उत्पादन राज्य की प्रमुख रेशम फसल है। उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में जम्मू-कश्मीर के बाद प्रमुख रेशम उत्पादक राज्य है और बाइयोल्टीन रेशम उत्पादन में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। वर्तमान में प्रदेश में रेशम का उत्पादन लगभग 312 मिट्रक टन है, जिसमें जनपद देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार प्रमुख रेशम उत्पादक क्षेत्र हैं।
एमएसपी में ए ग्रेड के कोकून की कीमत 400 से बढ़ाकर 440 ,बी ग्रेड की कीमत 370 से 395, सी ग्रेड की कीमत 280 से 290,डी ग्रेड की कीमत 230 से बढ़कर 240 रुपये की गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आपदा प्रबंधन से संबंधित किए जा रहे कार्यों को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया। आपदा प्रबंधन विभाग ने एस.डी.आर.एफ व राज्य सेक्टर के बजट से आवंटित धनराशि, मानसून/चारधाम की तैयारीयों, यू.एस.डी.एम.ए की ओर से चेतावनी प्रसारण, अलर्ट प्रसारण की जानकारी दी गई। साथ ही एस.ई.ओ.सी की ओर से निर्गत चेतावनी का जनपद तहसील ब्लॉक न्याय पंचायत में प्रसारण,आपदा संबंधी सूचनाओं/अलर्ट का आदान प्रदान,क्विक रिस्पांस टीम, मॉक ड्रिल,आपदा सखी योजना,भूदेव ऐप (भूकंप चेतावनी प्रणाली) के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
आचार संहिता लागू होने के कारण मंत्रिमंडल की बीफ्रिंग आयोजित नहीं की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार