उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी,तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ
—सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में माह जुलाई, 2025 से जून, 2026 के मध्य लेबर फोर्स सर्वे और एएसयूएसई सर्वे करा रही वाराणसी,02 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीप
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी,तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ


—सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में माह जुलाई, 2025 से जून, 2026 के मध्य लेबर फोर्स सर्वे और एएसयूएसई सर्वे करा रही

वाराणसी,02 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ाने हेतु विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इसी को लेकर बुधवार से जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र (डायट) परिसर में तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मण्डलीय उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या डी.के. सिंह ने किया। इसमें वाराणसी सहित जौनपुर, गाजीपुर और चन्दौली के जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी भी उपस्थित रहे।

प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी अमित त्रिपाठी एवं विकास सिंह (एन.एस.ओ.) ने तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। सभी सर्वेक्षकों एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे पूरी निष्ठा और लगन से इस कार्य को संपादित करें ताकि श्रम बल के संबंध में सटीक आंकड़े सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए जा सकें।

बताते चले राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में माह जुलाई, 2025 से जून, 2026 के मध्य लेबर फोर्स सर्वे और एएसयूएसई सर्वे करा रही है। जिससे जिला घरेलू उत्पाद का आंकलन किया जा सकेगा। एलएफएस एक बहुत ही महत्वपूर्ण सर्वेक्षण है, जिसे प्रदेश का अर्थ एवं संख्या प्रभाग अपनी देखरेख में करवा रहा है। सर्वेक्षण के आंकड़ों से रोजगार-बेरोजगारी के विभिन्न संकेतकों जैसे-श्रम बल भागीदारी दर , श्रमिक जनसंख्या अनुपात , बेरोजगारी दर का आंकलन जनपद स्तर पर किया जायेगा। सर्वेक्षक द्वारा सैंपल आधारित ग्राम/नगरीय खण्ड में कापी के माध्यम से हाउसहोल्ड सर्वेक्षण किया जायेगा। सर्वेक्षण के पश्चात प्राप्त आंकड़ों से बने रिपोर्ट के आधार पर जनपद की लेबर फोर्स के वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी