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— प्रशासन की आपत्ति के बीच आमसभा ने सर्वसम्मति से दी मंजूरी
मीरजापुर, 2 जुलाई (हि.स.)। मां विंध्यवासिनी मंदिर को लेकर लंबे समय से चल रहे नेतृत्व विवाद पर बुधवार को निर्णायक मोड़ आ गया। मंदिर की व्यवस्थापिका समिति की ओर से बुलाई गई आमसभा में हजारों की संख्या में पहुंचे पुरोहितों ने एक स्वर में अवनीश मिश्र को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर लिया। इससे पहले जिला प्रशासन की ओर से अवनीश मिश्र की नियुक्ति पर आपत्ति जताई गई थी, जिसे पंडा समाज ने खारिज करते हुए अपनी एकजुटता का परिचय दिया।
मां विंध्यवासिनी मंदिर के छत पर हुई इस आमसभा में व्यवस्थापिका समिति के सदस्यों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर स्पष्ट किया कि मंदिर की व्यवस्था का निर्णय अब पुरोहित समाज ही करेगा। समिति ने प्रशासन के पत्र के जवाब में दोबारा बैठक कर यह तय किया कि अवनीश मिश्रा ही कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे।
श्रद्धालुओं की सेवा हमारी प्राथमिकता : अवनीश मिश्र
सभा के बाद कार्यकारी अध्यक्ष अवनीश मिश्र ने कहा कि मुझे समिति और आमसभा दोनों का समर्थन प्राप्त है। अब मंदिर की समस्त व्यवस्थाएं हमारे माध्यम से संचालित होंगी। श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन-पूजन मिले, यह हमारी पहली प्राथमिकता है। प्रशासनिक मनमानी अब नहीं चलेगी। प्रशासन कोई व्यवस्था लागू करना चाहता है तो पहले पत्र देगा, फिर पंडा समाज उस पर निर्णय करेगा।
वायरल वीडियो पर दी सफाई
पिछले दिनों वायरल हुए वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी आपत्ति केवल इस बात को लेकर थी कि मंदिर में चेकिंग कर रहा व्यक्ति कौन था और किसके आदेश पर तैनात था। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन कोई व्यक्ति नियुक्त करता है तो उसकी पहचान स्पष्ट होनी चाहिए। लोगों को यह पता होना चाहिए कि वह अधिकृत व्यक्ति है या नहीं।
धार्मिक परंपरा का किया समर्थन
पान-गुटका के मुद्दे पर अवनीश मिश्र ने कहा कि थूकना निंदनीय है, लेकिन मां विंध्यवासिनी को तांबूल अर्पित करना सनातन धर्म की परंपरा है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में मां को तांबूल चढ़ता है, जो प्रसाद के रूप में वितरित होता है। इसे गलत ठहराना हमारी धार्मिक मान्यताओं का अपमान है।
प्रशासन की आपत्ति को बताया निराधार
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जो आपत्तियां लगाई थीं, वह न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। हाई कोर्ट से मुझे क्लीन चिट मिल चुकी है। हमारे समाज की नियमावली भी साफ कहती है कि कोई व्यक्ति तब तक अयोग्य नहीं माना जा सकता जब तक दोष सिद्ध न हो। उन्होंने आगे बताया कि समिति की ओर से लिखित रूप में भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पंडा समाज की ओर से उनके खिलाफ कोई आपत्ति नहीं है।
शांति व्यवस्था के बीच संपन्न हुई सभा
बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने आमसभा के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। मौके पर अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी नगर, क्षेत्राधिकारी नगर सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
अब दो महीने तक निभाएंगे दायित्व
आमसभा में यह भी तय हुआ कि अवनीश मिश्र दो महीने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे। इस दौरान वे श्रद्धालुओं की सुविधा, मंदिर की पारंपरिक व्यवस्थाओं और प्रशासन से समन्वय का दायित्व निभाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा